Wednesday , 15 January 2025
Home अध्यात्म Sakat means Sankashti Chaturthi on 17th January. Lord Ganesha is worshipped. Know its importance
अध्यात्म

Sakat means Sankashti Chaturthi on 17th January. Lord Ganesha is worshipped. Know its importance

आगरालीक्स… सकट यानी संकष्टी चतुर्थी 17 जनवरी को. भगवान गणेश की होती है पूजा. जानिए इसका महत्व..तिल चतुर्थी भी कहते हैं इसे

संकष्टी चतुर्थी माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को कहा जाता है। वर्ष 2025 में शुक्रवार 17 जनवरी को संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। इसे माघी चतुर्थी या तिल चौथ भी कहते हैं। बारह मास के अनुक्रम में यह सबसे बड़ी चतुर्थी मानी गई है। इस दिन भगवान श्री गणेश की आराधना सुख-सौभाग्य प्रदान करने होती है और कष्टों को दूर करने वाली होती है। इस चतुर्थी पर व्रत करके गणेशजी का पूजन करने से सारी विपदाएं दूर होती हैं।वस्तुतः संकट चतुर्थी संतान की दीर्घायु हेतु भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा है। इस दिन पूजा करने से संतान के ऊपर आने वाले सभी कष्ट शीघ्रातिशीघ्र दूर हो जाते हैं। धर्मराज युधिष्ठिर न भीे भगवान श्री कृष्ण की सलाह पर इस व्रत को किया था

गणेश भगवान का जन्मदिन
शिव रहस्य ग्रंथ के अनुसार आदिदेव भगवान गणेश का जन्म माघ कृष्ण चतुर्थी को ही हुआ था। पूर्वांचल में इस दिन गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन से गणेश दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। संकष्टी व्रत करने वाले भक्तों पर श्रीगणेश की कृपा बनी रहती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने वाले श्रद्धालुओं के जीवन के सभी कष्टों का भगवान श्री गणेश निवारण करते हैं

पौराणिक कथा
भगवान शिव और माता पार्वती एक बार नदी किनारे बैठे हुए थे। उसी दौरान माता पार्वती को चौपड़ खेलने का मन हुआ। लेकिन उस समय वहां माता और भगवान शिव के अलाना कोई और मौजूद नहीं था, लेकिन खेल में हार-जीत का फैसला करने के लिए एक व्यक्ति की जरुरत थी। इस विचार के बाद दोनों ने एक मिट्टी की मूर्ति बनाकर उसमें जान डाल दी और उससे कहा कि खेल में कौन जीता इसका फैसला तुम करना। खेल के शुरु होते ही माता पार्वती विजय हुई और इस प्रकार तीन से चार बार उन्हीं की जीत हुई। लेकिन एक बार गलती से बालक ने भगवान शिव का विजयी के रुप में नाम ले लिया। जिसके कारण माता पार्वती क्रोधित हो गई और उस बालक को लंगड़ा बना दिया। बालक उनसे क्षमा मांगता है और कहता है कि उससे भूल हो गई उसे माफ कर दें। माता कहती हैं कि श्राप वापस नहीं हो सकता लेकिन एक उपाय करके इससे मुक्ति पा सकते हो। माता पार्वती कहती हैं कि इस स्थान पर संकष्टी के दिन कुछ कन्याएं पूजा करने आती हैं, तुम उनसे व्रत की विधि पूछना और उस व्रत को श्रद्धापूर्वक करना।संकष्टी के दिन कन्याएं वहां आती हैं और बालक उनसे व्रत की विधि पूछता और उसके बाद विधिवत व्रत करने से वो भगवान गणेश को प्रसन्न कर लेता है। भगवान गणेश उसे दर्शन देकर उससे इच्छा पूछते हैं तो वो कहता है कि वो भगवान शिव और माता पार्वती के पास जाना चाहता है। भगवान गणेश उसकी इच्छा पूरी करते हैं और वो बालक भगवान शिव के पास पहुंच जाता है। लेकिन वहां सिर्फ भगवान शिव होते हैं क्योंकि माता पार्वती भगवान शिव से रुठ कर कैलाश छोड़कर चली जाती हैं। भगवान शिव उससे पूछते हैं कि वो यहां कैसे आया तो बालक बताता है कि भगवान गणेश के पूजन से उसे ये वरदान प्राप्त हुआ है। इसके बाद भगवान शिव भी माता पार्वती को मनाने के लिए ये व्रत रखते हैं। इसके बाद माता पार्वती का मन अचानक बदल जाता है और वो वापस कैलाश लौट आती हैं। इस कथा के अनुसार भगवान गणेश का संकष्टी के दिन व्रत करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है और संकट दूर होते हैं।

संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
17 जनवरी के दिन चतुर्थी तिथि सुबह 04:06 से प्रारम्भ होकर 18 जनवरी की सुबह 05:30 तक रहेगी इससे पूर्व ही चतुर्थी पूजा करना श्रेष्ठ है।इसमें भगवान गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायक रहेगा

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774

Related Articles

अध्यात्म

Makar Sankranti 2025: According to all the zodiac signs, know which thing donating…#agranews

आगरालीक्स…मकर संक्रांति पर सभी राशियों के अनुसार जानें सूर्यदेव की पूजा कर...

अध्यात्म

Paush Purnima on Monday. Know at what auspicious time will start…#agra

आगरालीक्स…पौष पूर्णिमा सोमवार को. जानिए कितने बजे से शुरू होगी पूर्णिमा की...

अध्यात्म

Makar Sankranti 2025: Know the time of Mahapunyakal and Punyakal and importance of festival…#agranews

आगरालीक्स…स्नान और दान का पर्व मकर संक्रांति 14 को. महापुण्यकाल और पुण्यकाल...

अध्यात्म

Agra News: Prakash Parv of Shri Guru Gobind Singh Ji will be celebrated on 12th January at Gurudwara Maithan, Agra…#agranews

आगरालीक्स…आगरा के गुरुद्वारा माईथान में 12 जनवरी को मनाया जाएगा सरबंस दानी...