आगरालीक्स (06th October 2021 Agra News)… शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों के चमत्कारी मंत्र कौन-कौन से हैं. क्या भोग प्रसाद लगाएं, जिससे हमें पूजा का मिले शत प्रतिशत लाभ. जानिए पूजा विधि.
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि नवरात्रि में मां की आराधना करने से सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध होते हैं। आध्यात्मिक चेतना बढ़ती है। उन्होंने बताया कि हर दिन माता के इन रूपों के अनुसार मंत्रों का जाप करना चाहिए। माता दुर्गा के किसी भी चित्र की स्थापना कर यथाशक्ति पूजन कर, नियत तिथि को मंत्र जपें। गौघृत द्वारा यथाशक्ति हवन करें।
माता शैलपुत्री: पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता दुर्गा का प्रथम रूप हैं। इनकी आराधना से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
प्रतिपदा को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:’ की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें।
माता ब्रह्मचारिणी : माता दुर्गा का दूसरा स्वरूप पार्वतीजी का तप करते हुए हैं। इनकी साधना से सदाचार-संयम तथा सर्वत्र विजय प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पर इनकी साधना की जाती है।
मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’ की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें।
माता चन्द्रघंटा : माता दुर्गा का यह तृतीय रूप है। समस्त कष्टों से मुक्ति के लिए इनकी साधना की जाती हैं।
तृतीया को मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:’ की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।

माता कूष्मांडा : यह मां दुर्गा का चतुर्थ रूप है। चतुर्थी इनकी तिथि है। आयु वृद्धि, यश-बल को बढ़ाने के लिए इनकी साधना की जाती हैं
चतुर्थी को मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै नम:’ की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
माता स्कंदमाता : दुर्गा जी के पांचवे रूप की साधना पंचमी को की जाती है। सुख-शांति एवं मोक्ष को देने वाली हैं।
पांचवें दिन मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:’ की 1 माला जप कर घृत से हवन करें
मां कात्यायनी : मां दुर्गा के छठे रूप की साधना षष्ठी तिथि को की जाती है। रोग, शोक, संताप दूर कर अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष को भी देती हैंं
छठे दिन मंत्र– ‘ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम:’ की 1 माला जप कर घृत से हवन करें।
माता कालरात्रि : सप्तमी को पूजित मां दुर्गा जी का सातवां रूप है। वे दूसरों के द्वारा किए गए प्रयोगों को नष्ट करती हैं।
सातवें दिन मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:’ की 1 माला जप कर घृत से हवन करें
माता महागौरी : मां दुर्गा के आठवें रूप की पूजा अष्टमी को की जाती है। समस्त कष्टों को दूर कर असंभव कार्य सिद्ध करती हैं।
आठवें दिन मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:’ की 1 माला जप कर घृत या खीर से हवन करें।
माता सिद्धिदात्री : मां दुर्गा के इस रूप की अर्चना नवमी को की जाती है। अगम्य को सुगम बनाना इनका कार्य है।
नौवें दिन मंत्र– ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम:’ की 1 माला जप कर जौ, तिल और घृत से हवन करें।