आगरालीक्स…(18 July 2021 Agra News) आगरा में आज एक हजार से अधिक शादियां हैं. खूब बज रहे बैंड—बाजे. आज भढली नवमी पर है अंतिम सहालग. अब 14 नवंबर के बाद ही होंगी
मैरिज होम्स में रौनक छाई
आगरा में आज भढली नवमी पर एक हजार से अधिक शादियां हैं. आगरा में इस समय खूब बैंड बाजे बज रहे हैं. मैरिज होम्स में शादियों की रौनक बनी हुई है. दरअसल आज अंतिम सहालग है. यह अबूझ सहालग कहलाया जाता है. दो दिन बाद देवशयनी एकादशी है. इसका अर्थ होता है कि भढली नवमी के बाद 4 माह तक विवाह या अन्य शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवधि में सभी देवी-देवता निद्रा में चले जाते हैं. इसके बाद सीधे प्रबोधिनी एकादशी पर विष्णुजी के जागने पर चातुर्मास समाप्त होता है. इसके बाद ही सभी तरह के शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं. इस बार प्रबोधिनी एकादशी 14 नवंबर को है. यानी कि 20 जुलाई से 14 नवंबर तक सभी शुभ कार्य वर्जित है.
अंतिम सहालग से लौटा उत्साह
आज के बाद भले ही चार माह बाद शादियां हों लेकिन अंतिम सहालग पर आगरा में एक हजार से अधिक शादियां होने से इससे जुड़े कारोबार को बड़ी राहत दी है. दरअसल कोरोना महामारी के कारण शादियों से जुड़े कारोबार को गति नहीं मिल पा रही थी लेकिन जून माह से सरकार ने जैसे—जैसे लोगों को राहत दी है वैसे—वैसे शादियों से जुड़े कारोबार को भी गति मिलने लगी. बैंड बाजे वाले, कपड़ा व्यापार, मैरिज होम्स में इस सीजन के सहालग के अंतिम दिनों में रौनक देखने को मिली है.
चातुर्मास में इन पर्वों की रहती है धूम
देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास में सबसे पहले सावन का महीना आता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस माह में भगवान शिव की अराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके बाद गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है.