Supreme Court seeks explanation from Central Government on three-day delay
Shri Hanuman Janmotsav 2021: know the worship on Agraleaks
आगरालीक्स…श्री हनुमान जन्मोत्सव कल मंगलवार को. शुभ संयोग में मनाया जाएगा जन्मोत्सव. आगरालीक्स पर जानिए क्या है पूजा विधि. ऐसे करें बजरंगबली को प्रसन्न…
चैत्रशुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन मंगलवार स्वाति नक्षत्र,सिद्धि योग, बव करण के शुभ संयोग में 27अप्रैल 2021 को ही श्री हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि 26 अप्रैल 2021 दिन सोमवार दोपहर 12:44 से प्रारंभ होकर 27 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को सुबह 9:01 तक माने रहेगी. उदया तिथि के हिसाब से 27 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को ही श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव मान्य होगा. इस दिन प्रभु श्री राम जी के अनन्य सेवक भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था. भक्ति के पर्याय और श्री राम दूतपवनपुत्र, तथा संकटों को पल भर में दूर करने वाले श्रो हनुमान जी का जन्मदिन है. राम काज कीन्हें बिनु मोहिं कहाँ विश्राम – ये दोहा बताता है कि श्री राम कार्य हेतु ही श्री हनुमान जी अवतार लेते हैं। श्री राम विष्णु के अवतार हैं तो श्री हनुमान जी रुद्रावतार। बिना हनुमान जी के भक्ति के श्री राम भक्ति पाना असंभव है.
माना जाता है कि श्री हनुमान ही मातंग ऋषी के शिष्य थे. सूर्य देव और नारद जी से भी इन्होनें कई गूढ़ विद्याएं सीखीं। चैत्र माह की पूर्णिमा को ही हनुमान जी का जन्म होने के कारण इसी दिन श्री हनुमान जनमोत्स्व मनाते हैं। नवरात्रि के बाद तुरन्त माता की भक्ति के बाद भक्ति के पर्याय श्री हनुमान जी की भक्ति में साधक डूब जाते हैं और भक्ति के इस अलौकिक आनंद से प्रफुल्लित होते हैं.
क्या है हनुमान जन्मोत्सव, 2021 का मुहूर्त *
हनुमान जनमोत्स्व 26 अप्रैल को दोपहर 12:44 से 27अप्रैल को सुबह 09:01 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि होने के कारण पूर्णिमा 27 अप्रैल2021को ही मनाई जाएगी और उसी दिन पूरी रात्रि और पूरे दिन श्री हनुमानजी का जनमोत्स्व मनाया जायेगा। 27अप्रैल2021 की रात्रि को पूजा का विशेष फल है क्योंकि चैत्र पूर्णिमा की रात्रि में ही हनुमान जनमोत्स्व मनाने का विशेष प्रावधान है.
पूजा के दौरान ना करें ये भूल
महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है। इनकी विधिवत् उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा या सुन्दरकांड का पाठ करना चाहिएइस दौरान इन गलतियों से बचना चाहिए
हनुमान जनमोत्स्व के दिन अगर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी वस्तु दान दें विशेष रूप से मिठाई हो,तो उस दिन स्वयं मीठे का सेवन ना करें*
राम भक्त हनुमान सीता जी में माता का दर्शन करते थे और बाल ब्रह्मचारी के रूप में स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते हैं। इसलिए माता स्वरूप स्त्री से पूजन करवाना और उनका स्पर्श करना वे पसंद नहीं करते। फिर भी यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्जवलित कर सकती हैं। लेकिन उन्हें ना तो छुएं और ना ही उन्हें तिलक करें। महिलाओं का हनुमान जी को वस्त्र अर्पित करना भी वर्जित है*
काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी की पूजा लाल, और यदि लाल या पीले वस्त्र में ही करें*
हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें*
यदि आप का मन अशांत है और आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें। शांतिप्रिय हनुमान को ऐसी पूजा से प्रसन्नता नहीं होती और उसका फल नहीं मिलता
हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं होता है। साथ खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है
प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य)परमपूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरु ज्योतिष शोधसंस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी WhatsApp नंबर-9756402981,7500048250*