3rd ODI: India’s Arundhati Reddy shook Australia’s top order with
Supreme Court’s tough stand on bulldozer action: Said- officers cannot become judges, if demolished without notice then it will have to be rebuilt
नईदिल्लीलीक्स…सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर एक्शन पर कड़ा रुख। गाइड लाइन जारी। कहा- बिना नोटिस के घर गिराया तो दोबारा बनाना होगा।
15 दिन का नोटिस देना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर कहा कि अफसर जज नहीं बन सकते। 15 दिन के नोटिस बिना घर गिराया तो अफसर के खर्च से बनाना होगा। यूपी, राजस्थान, एमपी में आरोपियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं।
सालों की मेहनत के बाद घर बनाते हैं नागरिक
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस संबंध में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कोई नागरिक सालों की मेहनत के बाद घर बनाता है, उसके लिए सपने देखता है।
बुलडोजर से संपत्ति ढहाना अराजकता की स्थिति
बेंच ने कहा कि बुलडोज़र से संपत्ति ढहाना अराजकता की स्थिति है। ऐसे कृत्यों का संवैधानिक लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। हमारा संविधान इस तरह के कृत्यों की मंज़ूरी नहीं देता।
आरोप के आधार पर संपत्ति ढहाना कानून के शासन पर हमला
सरकार या प्रशासन किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकती केवल आरोप के आधार पर अगर सरकारें संबंधित व्यक्ति की संपत्ति को ढहाती है, तो ये कानून के शासन पर हमला है। सरकारी अधिकारी जज नहीं बन सकते और अभियुक्तों की संपत्तियां नहीं ढहा सकते।