मूल रूप से छर्रा के गांव राजमऊ निवासी किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला पवन शर्मा पुत्र स्व. ओमप्रकाश दिल्ली की मोबाइल टॉवर कंपनी में काम करता था। परिवार के साथ बेगमबाग निवासी सुनील उपाध्याय के मकान में पहली मंजिल पर आगे के हिस्से में पत्नी, तीन बेटी, एक बेटे के साथ किराये पर रहता था। पवन शर्मा (40) ने अपनी पत्नी सीमा (38), दो बेटियों पलक (12) व नेहा (9) की गला दबाकर हत्या कर खुद को गोली मारकर जान दे दी।
पवन का बड़ा भाई राजू परिवार संग किशनपुर में किराये पर रहता है। पवन व राजू की पत्नियां आपस में सगी बहनें हैं। पवन का बेटा अनमोल (5) दो दिन से राजू के घर पर था। वाकया बृहस्पतिवार सुबह का है, जब बड़ी बेटी काजल (16) रोजाना की तरह सुबह साढ़े छह बजे कोचिंग के लिए निकली तो उसे पवन रमेश विहार स्थित कोचिंग सेंटर तक छोड़ने गया और उससे कहा कि वह कोचिंग के बाद ताऊ के घर किशनपुर चली जाए। हम लोग गंगा स्नान को जाएंगे।
काजल कोचिंग के बाद किशनपुर पहुंच गई। इसके बाद करीब साढ़े नौ बजे पवन ने अपने भाई राजू के मोबाइल पर फोन मिलाकर अपने बेटे अनमोल से बात करने की इच्छा जताते हुए कहा कि अब वह आखिरी बार बात कर रहा है। इतना सुनते ही राजू की पत्नी योगेंद्री के कान खड़े हुए और वह कुछ कह पाती, तब तक फोन कट गया। इसके बाद योगेंद्री व काजल ने करीब 40-50 बार पवन का फोन मिलाया। मगर रिसीव नहीं हुआ। इस पर योगेंद्री ने अपने पति राजू को पूरी बात बताई। इस पर राजू ने अपने बेटे गौरव को पवन के घर भेजा। पीछे-पीछे राजू खुद चला आया।
यहां आकर देखा तो घर दोनों ओर से अंदर से बंद था। जंगले में से झांका तो दोनों बेटियों की लाश बेड पर पड़ी थीं। इसके बाद दरवाजे तोड़कर अंदर देखा तो दूसरे कमरे में पवन व सीमा की लाश पड़ी थीं। पवन के सीने में तमंचे से गोली धंसी हुई थी और खून बह रहा था। तमंचा बराबर ही पड़ा था।
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