नईदिल्लीलीक्स… चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब चंद्रमा से दो और खुशखबरी। अभी छह महीने का ईंधन बचा है। चंद्रमा पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न एवं इसरो के नाम अमिट रहेंगे।
150 किलोग्राम से ज़्यादा ईंधन बचा है

चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद भी चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल में 150 किलोग्राम से ज़्यादा ईंधन बचा हुआ है, जो अगले लगभग 6 महीने तक आसानी से चल सकता है। इससे चंद्रायन-3 की लाइफ कई वर्ष बढ़ जाएगी।
अपेक्षा कहीं ज्यादा ईधन बचाः इसरो चेयरमैन
इसे लेकर इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा- इसमें काफ़ी फ्यूल बाकी है, जो हमारी अपेक्षाओं से कहीं ज़्यादा है। हमारे पास ईंधन का लगभग पूरा मार्जिन बचा है, जो कि लगभग 150 प्लस किलोग्राम है।
चांद की सतह पर अशोक स्तंभ और इसरो का लोगो

चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान रोवर डेटा एकत्र करने के अलावा और भी बहुत कुछ करेगा। रोवर के छह पहिये हैं, जो चांद की धरती का अध्ययन करेंगे। इन्हीं पहियों में सबसे पीछे वाले पहियों पर भारत का राष्ट्रीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ और इसरो का लोगो गुदा हुआ है।
जहां चलेगा रोवर वहीं अमिट निशान
प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर जहां भी घूम रहा है, वहीं पर पीछे-पीछे ये निशान भी बनते चले जाएंगे। चांद पर हवाएं नहीं चलती हैं। इसके चलते ये निशान मिटने की आशंका नहीं है।