
बुधवार को अतिपिछड़ा समाज मंच के संयोजक श्रीकांत गुप्त साहू ने पत्रकारों के बीच आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार पिछड़े वर्ग के नाम पर सिर्फ यादवों का भला कर रही है। असली अतिपिछड़ों की लगातार उपेक्षा हो रही है। राज्य में 40 फीसद आबादी अतिपिछड़ों की है किन्तु उनके लिए घोषित 27 फीसद आरक्षण में उनकी हिस्सेदारी चार फीसद भी नहीं है। इस समस्या के समाधान के लिए राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में गठित सामाजिक न्याय समिति ने पिछड़ों के आरक्षण में वर्गीकरण की संस्तुति की थी। राज्य सरकार ने यह मांग तो पूरी नहीं की, ऊपर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस सिलसिले में आए आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया। इसी प्रकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को छह माह पहले आरक्षण के वर्गीकरण का प्रस्ताव भेजा था, किन्तु केंद्र सरकार उसमें रुचि नहीं ले ही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अति पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों के साथ भी सौतेला व्यवहार हो रहा है। प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश चौरसिया ने मीरजापुर के आरटीओ चुन्नीलाल प्रजापति से अभद्रता की, वहीं बांदा में देवीदयाल कुशवाहा की हत्या कर दी गयी। इन घटनाओं के जिम्मेदार लोगों पर अब तक सपा सरकार ने कार्रवाई नहीं की है। इसके खिलाफ अति पिछड़ा समाज मंच लक्ष्मण मेला मैदान पर गुरुवार को धरना देकर आंदोलन की शुरुआत करेगा। इसके बाद आंदोलन को प्रदेश स्तर पर किया जाएगा।
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