आगरालीक्स ..Agra News : आपको डायबिटीज है, वजन कम हो रहा है, खांसी और बलगम नहीं है तो भी टीबी की जांच करा लें। विश्व में हर चार में एक टीबी मरीज भारत का, आज टीबी दिवस है। ( World TB Day 2025 : Four Lakh new TB Patient in UP #Agra)
विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग विभाग में स्टेट टीबी टास्क फ़ोर्स, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ गजेंद्र विक्रम सिंह ने भारत सरकार के “टीबी मुक्त भारत अभियान” के तहत टीबी उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। भारत विश्व में टीबी से सर्वाधिक प्रभावित देशों में से एक है, और इसे जड़ से खत्म करने के लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में टीबी अब भी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। विश्व में हर चार में से एक टीबी मरीज भारत में है। 2023 में भारत में 28 लाख से अधिक नए टीबी मरीज दर्ज किए गए। प्रतिवर्ष 3.25 लाख से अधिक लोग टीबी के कारण अपनी जान गंवाते हैं। 1 लाख से अधिक एमडीआर-टीबी मरीज, एमडीआर-टीबी (MDR-TB) और एक्सडीआर-टीबी (XDR-TB) के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे उपचार चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
-टीबी और कुपोषण का गहरा संबंध है ।60% से अधिक टीबी रोगी कुपोषण से पीड़ित होते हैं।
उत्तर प्रदेश में टीबी की स्थिति एवं चुनौतियाँ
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर वर्ष 4 लाख से अधिक नए टीबी मरीज सामने आते हैं। राज्य के ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी, गलत धारणाओं और सामाजिक कलंक (Stigma) के कारण मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं। निजी क्षेत्र में इलाज लेने वाले मरीजों का डेटा समुचित रूप से दर्ज नहीं होता, जिससे टीबी नियंत्रण में बाधा आती है। कुपोषण, गरीबी और भीड़भाड़ वाली बस्तियों में टीबी संक्रमण तेजी से फैलता है। कुछ जिलों में दवा-प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) के मामले अधिक हैं, जिससे इलाज अधिक महंगा और जटिल हो जाता है।
डॉ गजेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि टीबी को हराने के लिए केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं – इसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। इस विश्व क्षय रोग दिवस पर, हम सभी संकल्प लें कि समाज के हर वर्ग को जागरूक कर, टीबी रोगियों को संबल प्रदान कर और सामूहिक प्रयासों से “टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश एवं भारत” का सपना साकार करेंगे।