Agra News: Mobile is changing the behavior and body language
UPASICON 2018 Agra: Gall bladder stone increases in UP
आगरालीक्स ..आगरा में डॉक्टरों ने बताया कि कडाई में एक ही तेल में बार बार पूडी, कचौडी बनाकर खाने से पित्त की थैली की पथरी हो रही है, यह समस्या तेजी से बढती जा रही है। आगरा में चल रही सर्जन की कांफ्रेंस में दूसरे दिन शनिवार को होटल ग्रांड इम्पीरियल में सर्जन ने इस पर चर्चा की।
ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के डॉ. अचल गुप्ता ने बताया कि यूपी व एमपी में पित्ताशय व किडनी में पथरी के मामले बढ़ रहे हैं। किडनी में पथरी का कारण कठोर पानी व पित्ताशय में बार-बार तेल को गरम कर प्रयोग करना है। विशेषकर सरसों के तेल दो बार-बार गरम कर प्रयोग करने पर हाइट्रोकार्बन बढ़ जाते हैं जो पित्ताशय में पथरी व कैंसर की सम्बावना को बढ़ा देते हैं। इसके साथ 8-10 घंटे तक खाने में अंतराल होने से पित्त रस गाड़ा हो जाता हो जिससे पथरी की सम्भवना बढ़ जाती है।
डॉ. अमिताभ गौतम ने बताया कि अच्छी प्रतिरोधकता होने पर शरीर कहीं प्रत्यारोपित किए गए बाहरी अंग को नष्ट न कर दे, इससे बचाव के लिए कोई भी अंग को ट्रांसप्लांट करने के बाद मरीज की प्रतिरोधकता को दवाओं से कम किया जाता है। इसलिए अंग प्रत्यारोपण के साथ मरीज को मानसिक तौर पर इस बात के लिए तैयार और जागरूक रहना चाहिए।
800 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर चुके डॉ. गौतम ने बताया कि जिंदगी बचाने के लिए कई परिस्थितियों में गए प्रत्यारोपण ही विकल्प बचता है। देखा गया है कि लगातार दस वर्ष तक प्रतिरोधकता कम रखने की दवाओं से 5 फीसदी मरीजों में कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है। स्किन कैंसर व लिफ्फोमा के मामले ज्यादा देखे गए हैं, जिन्हें प्राथमिक अवस्था में पता कर ठीक किया जा सकता है। कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने बताया कि तीसरे दिन 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से डॉ. एचएस असोपा, डॉ. एसडी मौर्य, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. जेपीएस शाक्य, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. अरुण राठौर, डॉ. आराधना सिंह, आयोजन समिति की चेयरपर्सन डॉ. रिचा जयमन, सचिव डॉ. सुरेन्द्र पाठक, अध्यक्ष डॉ. जूही सिंघल, डॉ. प्रशान्त लवानिया, डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. अनुभव गोयल आदि मौजूद थे।
बेहतर एनर्जी सोर्स से आसान हुई सर्जरी
आगरा। कांफ्रेंस आयोजन समिति के सचिव डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने बताया कि अब बेहतर एनर्जी सोर्स (सर्जरी के दौरान होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए) आने से सर्जरी आसान हो गई गई है। बाएपोलर, मोनोपोलर, डायोथर्मो मशीन, लेजर, उल्ट्रासोनिक मशीन, प्लाज्मा मशीन से ऑपरेशन के दौरान बड़ी से बड़ी धमनी के कटने पर भी रक्त के बहाव को आसानी से रोका जा सकता है। जिससे मरीज में ऑपरेशन के बाद रक्त की कमी की सम्भावना न के बराबर होती है।