ज्योतिर्विदों का दावा है कि इस बार ग्रह-नक्षत्रों की जुगलबंदी मंगलवार को पड़ रही मौनी अमावस्या विशिष्ट बनाने जा रही है। ऐसा दुर्लभ संयोग अगले 112 वर्ष बाद आएगा। यह संयोग अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने पर कुंभ पर्व से भी ज्यादा फल दिलाएगी। वयोवृद्ध ज्योतिर्विद डॉ. जेएन मिश्र का कहना है वृष राशि के गुरु की मकर के सूर्य व चंद्रमा पर नौवीं दृष्टि पडऩे पर प्रयाग में कुंभपर्व लगता है। जबकि 20 जनवरी मंगलवार को सूर्य, चंद्रमा व बुध मकर राशि में रहेंगे, जिनके ऊपर कर्क राशि में उच्च के गुरु की दृष्टि पड़ेगी। जो कुंभपर्व से भी अधिक कल्याणकारी योग है। वैवर्त पुराण व निर्णय सिंधु के अनुसार ऐसे योग में गंगा-यमुना में स्नान कर दान करने से एक हजार गाय के दान व एक हजार यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं अमावस्या तिथि 19 की रात 9.22 बजे लगकर मंगलवार की शाम 7.32 बजे तक रहेगी। सूर्य, बुध व चंद्रमा 20 जनवरी की सुबह 9.03 पर मकर में आएंगे तभी अमावस्या का महत्व शुरू होगा।
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