आगरा के मलपुरा के गांव नगला कारे का है। यहां की गलियों में बेशुमार गंदगी और जलभराव के चलते लोग तीन महीने से परेशान हैं। महिलाएं कई बार सफायी अभियान चला चुकी हैं, लेकिन खरंजा न होने के कारण गंदगी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। इसे लेकर गांव के लोग तीन महीने से कलक्ट्रेट और तहसील के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी अधीनस्थों के पाले में गेंद डालकर गांव वालों को टरका देते हैं। गांव की महिलाओं का कहना था कि अब तक आधा दर्जन लोग जलभराव और गंदगी के चलते हादसे का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने बच्चों को स्कूल तक भेजना बंद कर रखा है। मंगलवार को गांव की सावित्री पत्नी जय सिंह समेत दर्जनों महिलाएं सदर तहसील पर आयोजित दिवस पर अपनी समस्या लेकर फिर पहुंचीं। वहां अधिकारियों ने उनकी सुनवाई नहीं की, जिससे आक्रोशित सावित्री तहसील के सामने पुलिस लाइन में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गई। सुनवाई न होने से त्रस्त सावित्री के आत्महत्या का एलान करने पर लोगों की भीड़ जुट गई। एसपी सिटी समीर सौरभ, एएसपी शैलेश कुमार पांडे समेत कई सीओ तथा प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए। फायर ब्रिगेड को बुला लिया।
महिला को मनाने की कोशिश शुरू हो गई, महिला ने नीचे उतरने से मना कर दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने टंकी पर चढ़ने का प्रयास किया तो सावित्री सीढि़यों से लटक गई। यह देखकर अधिकारियों को पसीना आ गया, उन्होंने सावित्री के रिश्तेदारों को बुलाकर मदद मांगी। रिश्तेदारों ने उसे मनाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। महिला का कहना था कि जब तक अधिकारी गांव की स्थिति का जायजा लेकर वहां काम शुरू नहीं कराते, वह नीचे नहीं आएगी।
अधिकारियों ने सावित्री को तीन दिन में गंदगी साफ करवाने और खरंजा लगवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद दोपहर सवा बजे टंकी पर चढ़ी सावित्री पौने तीन बजे नीचे उतरी।
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