Maharashtra’s cyber cell sent summons to Hindi and South Indian
2.33 vehicle break speed rules on Yamuna Expressway , 718 death reported
आगरालीक्स.. आगरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर 2 .33 करोड से अधिक वाहनों ने गति सीमा तोडी है और हादसे में 718 लोगों की मौत हो गई, इस मामले में एक निजी एजेंसी से गति सीमा उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। इससे न केवल राज्य सरकार को बड़ी राशि चालान के रूप में मिलेगी अपितु इस एक्सप्रेसवे पर होने वाले सड़क हादसों पर हम अंकुश लगा सकेंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह मांग वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन द्वारा आज ईमेल द्वारा पत्र भेजकर की गई। पत्र में यह उल्लेख किया गया कि हम निरन्तर इस बात को उठाते रहे हैं कि यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहन निर्धारित गतिसीमा का उल्लंघन करते हैं, जिनको रोका जाये व चालान किया जाये, वाहन यातायात नियमों का पालन भी नहीं करते हैं, अपनी लेन में नहीं चलते हैं, सीट-बेल्ट और हेलमेट का उपयोग नहीं होता है लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि बार-बार इस विषय को अनेकों प्लेटफॉर्म पर उठाये जाने के उपरान्त भी गतिसीमा और यातायात नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है, जो सड़क हादसों के रूप में अखबारों की सुर्खियाँ बनता है।
पत्र में यह भी लिखा कि आश्चर्यजनक रूप से अगस्त-2012 से मार्च-2018 तक 2.33 करोड़ से अधिक वाहनों ने गतिसीमा का उल्लंघन किया। यमुना एक्सप्रेसवे पर अनेकों ऑटोमेटिक नम्बरप्लेट रीडर कैमरे लगे हैं जो गतिसीमा उल्लंघन करने वाले सभी वाहनों के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध करा देते हैं, तथापि चालान करने की कोई कार्यवाही यातायात पुलिस या परिवहन विभाग द्वारा नहीं की जाती है। इस एक्सप्रेसवे पर वर्ष अगस्त-2012 से मार्च-2018 के बीच 4956 हादसे हुए जिनमें 718 व्यक्तियों की मौत हो गई व 7671 लोग घायल हुए।
यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों का
31 मार्च 2018 तक का वर्षवार विवरण
वर्ष दुर्घटनायें मौतें घायल
2012 280 33 391
2013 896 118 1345
2014 771 127 1335
2015 919 142 1392
2016 1219 133 1524
2017 763 146 1426
2018
(31 मार्च तक) 108 19 258
कुल 4,956 718 7,671
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) से प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2012 से मार्च 2018 तक 4,956 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 1,161 हादसे (23.42 प्रतिशत) ओवरस्पीडिंग के कारण से हुए, जबकि 595 हादसे (12 प्रतिशत) टायर फटने से हुए।
पत्र में यह भी कहा गया कि यातायात पुलिस एवं यातायात विभाग के द्वारा मानव संसाधन की कमी की बात कहकर चालान नहीं किये जाते हैं, जिसके कारण राज्य सरकार को लगभग 700 करोड़ रुपये की हानि भी हो चुकी है। पत्र में अन्य सुझावों के अतिरिक्त यह सुझाव भी दिये कि:–
ऽ हादसों का विवरण येडा द्वारा अपनी वेबसाइट पर दिया जाना चाहिए ताकि कारण प्रचारित हो सकें।
ऽ प्रत्येक हादसे की जांच रिपोर्ट (फोटो सहित) भी वेबसाइट पर दी जानी चाहिए।
ऽ सेण्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) की सिफारिशों के अनुसार रोड सेफ्टी ऑडिट व अन्य कदम उठाये जाने चाहिए।
ऽ आई0आई0टी0, दिल्ली द्वारा इस एक्सप्रेसवे के सम्बन्ध में जो सुरक्षा हेतु रिपोर्ट तैयार की जा रही है, वह जल्दी से जल्दी प्राप्त कर सुरक्षा उपाय अपनाये जायें।