आगरालीक्स…सड़क किनारे बेलन बेच रहे 83 साल के बुजुर्ग के बैठे—बैठै निकल गए प्राण. जिसने भी देखा, उसका दिल पसीज गया. लोग बोले—जीवन कैसा भी हो, मौत ऐसी न हो…
बैठे—बैठे निकल गए प्राण
जीवन संघर्ष का नाम है. लोग जिंदगी जीने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. हर संघर्ष का सामना करते हैं और सोचते हैं कि मौत उसे सुकून वाली मिले, लेकिन गरीबी एक ऐसा अभिशाप है जो अगर अपने पूरे प्रभाव पर हो तो मौत को भी सुकून से नहीं होने देती. कुछ ऐसा ही देखने को मिला मध्य प्रदेश के सागर जिले में. यहां सड़क किनारे लकड़ी के बेलन बेचने वाले 83 साल के बुजुर्ग के बैठे—बैठे ही प्राण निकल गए. बुजुर्ग ने पीछे खड़ी बाइक पर अपना सिर लगाया हुआ था लेकिन जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुई तब लोगों को पता चला कि इनकी मौत हो चुकी है. ये नजारा जिसने भी उसका दिल पसीज गया.
लकड़ी के बेलन—चौकी बेचते थे फुटपाथ पर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मृतक बुजुर्ग का नाम चंदनलाल राय बताया गया है जो कि कीर्तिस्तंभ के पास तुलसीनगर में रहने वाले थे. घटना बुधवार की बताई गई है. बताया जाता है कि हर दिन की तरह चंदनलाल कीर्ती स्त्ंभ पर फुटपाथ पर लकड़ी के बेलन चौकी बेचने के लिए आए थे. दोपहर को अचानक उनकी तबियत खराब होने लगी जिसके बाद वह फुटपाथ पर ही पीछे खड़ी बाइक से सहारा लेकर बैठ गए. बताया जाता है कि इसी दौरान किसी समय उनकी मौत हो गई. लोगों के अनुसार कुछ समय पहले तक बुजुर्ग चंदनलाल राय सामान बेचते हुए नजर आए थे लेकिन जब काफी देर तक वह ऐसे ही बैठे रहे तब किसी ने उनको गौर से देखा तो पता चला कि उनके प्राण निकल चुके थे.
ठंड से हुई मौत, परिवार में चार बेटे
बुजुर्ग चंदनलाल राय की मौत की आशंका ठंड से होना बताया जा रहा है. सर्दी का मौसम होने के बावजूद वे एक शर्ट पहने हुए थे. इधर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चंदनलाल राय के चार बेटे और एक बेटी भी है. बेटी की शादी हो चुकी है जबकि चारों बेटे अविवाहित हैं. इनमें एक मानसिक रोगी भी है. बाकी तीन बेटे मजदूरी करते हैं. इनकी पत्नी 70 वर्षीय सियारानी भी बीमार रहती हैं. 83 साल की उम्र में भी बुजुर्ग घर से बाहर जाकर फुटपाथ पर सामान बेच रहा है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस तंगहाली में होगा.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
सोशल मीडिया पर बुजुर्ग की ठंड से मौत का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार को घेरा है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार दावा करती हैं कि गरीबों के कल्याण के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. राज्य सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर योजना भी चालू है लेकिन ये घटना उनके दावों की पोल खोल रही है.