आगरालीक्स…पति—पत्नी और प्रेमी…तीनों ही मूकबधिर. न बोल सकते हैं और न सुन सकते हैं. एक दूसरे के लिए तीनों बेचैन…इनकी ‘खामोशी का लव ट्राएंगल’ खबर में पढ़िए…प्यार अंधा ही नहीं, गूंगा बहरा भी होता हो….
कहते हैं कि प्रेम अंधा होता है. जिस किसी को प्रेम हो जाता है तो वह प्रेमी को पाने और उसकी खुशी के लिए कोई भी कुछ भी करने को तैयार हो जाता है यानी उसे इसके अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता. लेकिन आज प्रेम का एक ऐसा लव ट्राएंगल आया है जिसको पढ़कर आप इन तीनों की पीड़ा को तो महसूस करेंगे ही साथ ही ये भी कहेंगे कि प्यार अंधा ही नहीं बल्कि गूंगा बहरा भी होता है. इसमें पति भी है, पत्नी भी है और उसका प्रेमी भी है. इन तीनों की खास बात या कहें कि अनोखी बात ये है कि तीनों ही मूक बधिर हैं. तीनों न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं. लेकिन इनका मामला जब थाने पहुंचा तो इशारों के जरिए तीनों ने एक दूसरे के साथ रहने के भाव अपनी बेचैनी में दिखाए. महिला अपने प्रेमी के पास रहने के लिए 676 किमी. दूर चली आई तो वहीं उसका पति भी उसे वापस पाने के लिए उसके पीछे आ गया. इधर प्रेमी भी अपनी प्रेमिका को पाने के लिए थाने में अपनी विवशता दिखा रहा था.
पढ़ें पूरा मामला
मामला हिमाचल प्रदेश में रहने वाले एक दंपत्ति से जुड़ा हुआ है. कांगड़ा जिले के भौरा गांव में रहने वाले मूकबधिर अशोक की शादी साल 2008 में मूकबधिर ब्रजवाला के साथ हुई थी. अशोक पेशे से टेलर है. शादी से दंपति के दो बच्चे भी हुए. मूकबधिर महिला ब्रजवाला पढ़ी लिखी भी है. इनके जीवन में अभी तक तो सब ठीक चल रहा था लेकिन शादी के 8 साल बाद यानी वर्ष 2016 में ब्रजबाला की फेसबुक पर दोस्ती भरतपुर के रहने वाले एक युवक गोविंद से हो गई. रोचक बात ये है कि गोविंद भी मूक बधिर है. दोनों के बीच दोस्ती धीरे—धीरे प्यार में बदल गई. दोनों ने एक दूसरे को मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए और वीडियो कॉल के जरिए दोनों इशारों ही इशारों में बातें करने लगे.
प्रेमी के लिए पति और बच्चों को छोड़ा
भरतपुर का रहने वाला मूकबधिर गोविंद भी पेशे से टेलर है. गोविंद और ब्रजवाला आपस में एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे. ब्रजबाला पर प्रेम का प्रभाव इतना पड़ा कि चार साल पहले वह अपने पति अशोक और बच्चों को छोड़कर हिमाचल से भागकर भरतपुर आ गई और गोविंद के साथ रहने लगी. इधर अशोक ने ब्रजबाला की तलाश में थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी. हिमाचल पुलिस ने करीब एक साल बाद भरतपुर से ब्रजबाला को तलाशा और उसे वहां से लाकर पति को सौंप दिया.
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छह महीने भी नहीं रुकी पति के पास
ब्रजबाला यहां पति के पास आ तो गई लेकिन यहां उसका मन बिल्कुल नहीं लगा और छह महीने बाद ही वह यानी करीब ढाई साल पहले एक बार फिर पति और बच्चों को छोड़कर भरतपुर अपने प्रेमी गोविंद के पास आ गई. तब से वह अपने प्रेमी के साथ ही रह रही थी. इधर अशोक ने अपनी पत्नी को पाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इस मामले में पालमपुर एसडीएम ने पंचरुखी पुलिस को आदेश दिया कि अशोक की पत्नी को लाकर उसके पति के हवाले किया जाए.
थाने में दिखी तीनों की विवशता
आज शुक्रवार को अशोक अपनी पत्नी को वापस ले जाने के लिए हिमाचल पुलिस के साथ भरतपुर आ पहुंचा. तीनों को भरतपुर के मथुरागेट थाना लाया गया. तीनों ही इशारों इशारों में अपनी अपनी बात कहने लगे. पति जहां पत्नी को वापस ले जाने के लिए बेचैन दिख रहा था तो वहीं ब्रजबाला अपने प्रेमी के लिए आंसु बहाती दिखाई दी. इधर प्रेमी गोविंद भी इशारों ही इशारों में ब्रजबाला को अपने साथ रखने की गुहार पुलस से लगाता दिखाई दिया. हालांकि आखिरकार एंड में हिमाचल पुलिस ब्रजबाला को अपने साथ ले गई.
क्या कहा पुलिस ने
इस मामले में मथुरागेट थाना पुलिस का कहना है कि ब्रजबाला नाम की महिला हिमाचल से भरतपुर अपने प्रेमी के पास रहने आ गई थी. वह पढ़ी लिखी थी और उसने लिखित में देकर अपने पति के साथ हिमाचल प्रदेश जाने की इच्छा जाहिर की है. उसे हिमाचल पुलिस को सौंप दिया है. पुलिस ने महिला के प्रेमी के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है.