Wednesday , 15 January 2025
Home आगरा Agra News: Now Lord Krishna’s Chhath will be celebrated with great pomp on this day in Mathura…#agranews
आगरा

Agra News: Now Lord Krishna’s Chhath will be celebrated with great pomp on this day in Mathura…#agranews

आगरालीक्स…मथुरा में अब धूमधाम से मनाई जाएगी भगवान कृष्ण की छठी. इस दिन है छठी पूजा…जानें क्यों मनाते हैं छठी

भगवान कृष्ण के जन्म के छठे दिन उनकी छठी मनाई जाने की भी परंपरा है। इस साल कृष्ण जी की छठी का पूजन 12 सितंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। जानिये कृष्ण छठी पूजन की विधि और इसकी पौराणिक मान्यता के बारे में।

क्यों मनाते हैं छठी
श्री कृष्ण का जन्म कारगार में हुआ था और उन्हें वासुदेव ने रातों-रात की यशोदा के घर छोड़ दिया था. कंस को जब ये बात पता लगती है तो वे पूजना को श्री कृष्ण को मारने के लिए गोकुल यशोदा के पास भेजता है. और ये आदेश देता है कि गोकुल में जितने भी 6 दिन के बच्चे हैं उन्हें मार दिया जाए. पूतना के गोकुल पहुंचते ही यशोदा बालकृष्ण को छिपा देती हैं. श्री कृष्ण को पैदा हुए छह दिन हो गए थे, लेकिन उनकी छठी नहीं हो पाई थी. तब तक उनका नामकरण भी नहीं हो पाया था. इसके बाद यशोदा ने 364 दिन बाद सप्तमी को छठी पूजन किया और तभी से श्री कृष्ण की छठी मनाई जाने लगी. इतना ही नहीं, तभी से बच्चों की भी छठी की परंपरा शुरू हो गई।

कृष्ण छठी पूजन विधि
श्री कृष्ण छठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं।गोपाल सहस्तनाम से स्नान कराऐ। इसके लिए दूध, घी, शहद, शक्कर और गंगाजल से बने पंचामृत का प्रयोग करें। इसके बाद शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल को फिर से स्नान कराएं।

स्नान कराने के बाद भगवान को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनका श्रृंगार करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री भोग लगाएं।

भोग लगाने के बाद भगवान का नामकरण करें। माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुर जी, कान्हा, कन्हैया, कृष्णा इनमें से जो भी नाम आपको अच्छा लगे वो चुन लें और भगवन को इसी नाम से पुकारें।

इसके बाद भगवान के चरणों में अपने घर की चाबी सौंप दें और भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना करें कि वे सदैव आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें और सबका पालन-पोषण करें।

इसके बाद लड्डू गोपाल की कथा पढ़ें और इस दिन अपने घर में कढ़ी-चावल अवश्य बनाएं।

लड्डू गोपालजी की कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवन श्री कृष्ण के एक परम् भक्त थे जिनका नाम था कुंभनदास। उनका एक बेटा था रघुनंदन। कुंभनदास के पार भगवान श्री कृष्ण का एक चित्र था जिसमें वह बासुंरी बजा रहे थे। कुंभनदास हमेशा भगवान श्री कृष्ण की पूजा-आराधना में लीन रहा करते थे। वे कभी भी अपने प्रभु को छोड़कर कहीं छोड़कर नहीं जाते थे। एक बार कुंभनदास को वृंदावन से भागवत कथा के लिए बुलावा आया। पहले तो कुंभनदास ने जाने से मना कर दिया परंतु लोगों के आग्रह करने पर वे भागवत में जाने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने सोचा कि पहले वे भगवान श्री कृष्ण की पूजा करेंगे और फिर भागवत कथा करके अपने घर वापस लौट आएंगे। इस तरह से उनका पूजा का नियम भी नहीं टूटेगा।

🌻भागवत में जाने से पहले कुम्भनदास ने अपने पुत्र को समझाया कि उन्होंने ठाकुर जी के लिए प्रसाद तैयार किया है और वह ठाकुर जी को भोग लगा दे। कुंभनदास के बेटे ने भोग की थाली ठाकुर जी के सामने रख दी और उनसे प्रार्थना की कि आकर भोग लगा लें। रघुनंदन को लगा कि ठाकुर जी आएंगे और अपने हाथों से भोजन ग्रहण करेंगे। रघुनंदन ने कई बार भगवान श्री कृष्ण से आकर खाने के लिए कहा लेकिन भोजन को उसी प्रकार से देखकर वह दुखी हो गया और रोने लगा। उसने रोते -रोते भगवान श्री कृष्ण से आकर भोग लगाने की विनती की। उसकी पुकार सुनकर ठाकुर जी एक बालक के रूप में आए और भोजन करने के लिए बैठ गए।

जब कुम्भदास वृंदावन से भागवत करके लौटे तो उन्होंने अपने पुत्र से प्रसाद के बारे में पूछा। पिता के पूछने पर रघुनंदन ने बताया कि ठाकुर जी ने सारा भोजन खा लिया है। कुंभनदास ने सोचा की अभी रघुनंदन नादान है। उसने सारा प्रसाद खा लिया होगा और डांट के डर से झूठ बोल रहा है। कुंभनदास रोज भागवत के लिए जाते और शाम तक सारा प्रसाद खत्म हो जाता था। कुंभनदास को लगा कि अब रघुनंदन उनसे रोज झूठ बोलने लगा है। लेकिन वह ऐसा क्यों कर रहा है यह जानने के लिए कुंभनदास ने एक योजयना बनाई। उन्होंने भोग के लड्डू बनाकर एक थाली में रख दिए और दूर छिपकर देखने लगे। रोज की तरह उस दिन भी रघुनंदन ने ठाकुर जी को आवाज दी और भोग लगाने का आग्रह किया। हर दिन की तरह ही ठाकुर जी एक बालक के भेष में आए और लड्डू खाने लगे। कुंभनदास दूर से इस घटना को देख रहे थे। भगवान को भोग लगाते देख वह तुरंत वहां आए और ठाकुर जी के चरणों में गिर गए। उस समय ठाकुर जी के एक हाथ में लड्डू था और दूसरे हाथ का लड्डू जाने ही वाला था। लेकिन ठाकुर जी उस समय वहीं पर जमकर रह गए । तभी से लड्डू गोपाल के इस रूप पूजा की जाने लगी। छठी के दिन इस कथा का पाठ करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पं.हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

Related Articles

आगरा

Agra News: Makar Sankranti: Distribution of five quintals khichdi and 100 kg of gajak at the Halwai Ki Bagichi, Agra….#agranews

आगरालीक्स…आगरा में हलवाई की बगीची पर पांच क्विंटल खिचड़ी और 100 किलो...

आगरा

Obituaries of Agra on 15th January 2025#Agra

आगरालीक्स … आगरा में आज 15 जनवरी को 2024 को उठावनी और...

आगरा

Agra News: Shyam Baba’s Temple decorated with colorful kites in Agra on Makar Sankranti…#agranews

आगरालीक्स…आगरा के जीवनी मंडी में रंगबिरंगी पतंगों से सजा श्याम बाबा का...

आगरा

Agra News: Thakur ji flew kite in Shri Premmanidhi ji temple of Agra. Festival of Makar Sankranti celebrated with pomp…#agranews

आगरालीक्स…कान्हा अटा चढ़ि चंग उड़ावत हो, आगरा के श्रीप्रेमनिधि जी मंदिर में...