आगरालीक्स…आगरा के संजीव गुप्ता कतर से रिहा होकर लौटे. कतर में मिली थी मृत्युदंड की सजा. रिहा होकर दिल्ली पहुंचे तो पिता ने लगाया गले..बोले—मोदी है तो सबकुछ मुमकिन है…
कतर में मृत्युदंड की सजा पाए संजीव गुप्ता रिहा होकर वापस अपने देश अपने वतन आ गए हैं. आगरा के गांधी नगर में रहने वाले नौसेना कमांडर संजीव गुप्ता को कतर की एक अदालत ने इनके साथियों के साथ मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. जब यह खबर आगरा आई तो परिजन स्तब्त रह गए थे. परिजनों द्वारा लगातार सरकार से इनको छुड़ाने और सुरक्षित भारत लाने की कोशिशें की जा रही थीं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने परिजनों को पूरा आश्वासन दिया था कि सभी को भारत सुरक्षित वापस लाया जाएगा. आज सुबह संजीव गुप्ता सहित इनके सभी साथी सुरक्षित कतर से रिहा होकर दिल्ली लौटे. सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर संजीव गुप्ता को इनके वयोवृद्ध पिता राजपाल ने गले लगाया. परिजनों के साथ संजीव ने भी सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि मोदी हैं तो सबकुछ मुमकिन है.
संजीव गुप्ता को यहां से नोएडा स्थित आवास पर ले जाया गया. दयालबाग के सरला बाग में रहने वाले इनके भतीजे अमित गुप्ता ने भी खुशी जताई हे. उन्होंने कहा कि कतर से रिहाई के बाद चाचा के सुरक्षित वापस लौटने की खुशखबरी मिली है. आगरा आने पर इनका भव्य स्वागत किया जाएगा.
बता दें कि हाल ही में कतर की एक अदालत ने अरेस्ट किए गए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. इनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंद्र तिवारी, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश थे. ये सभी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर डिफेंस सर्विस प्रोवाइडर आर्गनाइजेशन—दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेस के लए काम करते थे. इस निजी फर्म का स्वामित्व रॉयल ओमानी एयर फोर्स के एक रिटायर्ड सदस्य के पास है. यह प्राइवेट फर्म कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराती थी. पिछले साल 8 अगस्त 2022 को इन्हें अरेस्ट किया गया था.