आगरालीक्स…सत्कर्म के रास्ते में विघ्न, घबराएं नहीं आगे बढ़ते जाएं…आगरा में चल रही भागवत कथा में कथावाचक डॉ. संजय कृष्ण सलिल ने बताई वेद पुराण की महिमा
कमला नगर स्थित होटल सेलीब्रेशन में श्रीधाम वृंदावन से पधारे पूज्य डॉ. संजय कृष्ण “सलिल”जी महाराज जी ने श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस के प्रवचन में कहा कि हमारे सभी ग्रंथ पुराण एवं वेद यही बताते हैं कि हम सभी को उपासना करनी चाहिए। हमारे जो इष्ट हैं उनकी हम उपासना पूजा पाठ ध्यान करते हैं। यह सभी साधन उनके अंग हैं उपासना का सीधा अर्थ है आगे बढ़ाना हर परिस्थिति में आगे बढ़ाना। वासना से उपासना की ओर आगे जाना आगे महाराज जी ने बताया जब साधक सत्कर्म की ओर अग्रसर होता है तो अनेक विघ्न आते हैं जो हमें विचलित करते हैं ऐसे समय में हमारे प्रभु हमारी सहायता के लिए संत गुरु के रूप में आकर हमें स्थिति से जूझने का मार्ग दिखाते हैं और हमें धकेल कर ठाकुर के चरणों तक पहुंचा देते हैं।
दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब राजा दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया तो उन्होंने भगवान शिव को छोड़ सभी को आमंत्रित किया तब देवी सती के कथा कि पिता ने यज्ञ में नही बुलाया तो क्या हुआ वो अपने पिता के घर बिना बुलाए जा सकती हैं । तब शिवजी ने कहा कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाना चाहिए लेकिन देवी सती हठ कर अपने पिता के घर चली जाती हैं जहाँ दक्ष द्वारा शिवजी का अपमान किया जाता है पति का अपमान सहन न होने पर देवी सती यज्ञ कुण्ड में कूदकर अपना शरीर त्याग देती हैं। जब यह बात महादेव जी को पता चलती है तो वो अपने गणों के साथ जाकर यज्ञ का विध्वंश कर देते हैं। आगे की कथा में महाभारत के भीष्म कथा का मार्मिक वर्णन कर भक्तों को भाव विभोर कर अश्रुधारा से ओत-प्रोत कर दिया। कथा में मुख्य रूप से सुरेश चंद अग्रवाल, अनिल मित्तल, अरुण मित्तल,नीतू बंसल, ऋषिक मांगलिक आदि उपस्थित थे।