आगरालीक्स…एसएन में गंभीर हालत में आया मरीज जिंदगी की जंग जीतकर घर लौटा. ऐसी बीमारी जिसे देखकर बड़े अस्पतालों ने भी खड़े कर दिए हाथ. डॉ. सुशील सिंघल ने की सफल दुर्लभ सर्जरी
फ़िरोज़ाबाद निवासी 70 वर्षीय राम बाबू, जो पेशे से किसान हैं, वर्षों से धूम्रपान के आदी थे। धीरे-धीरे यह आदत उनके जीवन पर भारी पड़ गई। उनकी दाईं टांग की प्रमुख रक्त वाहिनी 90% अवरुद्ध हो चुकी थी, जिससे गैंग्रीन फैलकर पूरी टांग सड़ चुकी थी। सेप्सिस ने पूरे शरीर को जकड़ लिया था, किडनी फेल हो चुकी थी, और हृदय की धड़कन मात्र 40 तक गिर गई थी। बड़े अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए, लेकिन एस.एन. मेडिकल कॉलेज में मिली नई जिंदगी!
राम बाबू के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जहां भी वे इलाज के लिए गए, उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि मरीज को बचाना नामुमकिन है।परिजनों को जब कोई उम्मीद नजर नहीं आई, तब हताश परिवार आखिरी उम्मीद लेकर एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा पहुंचा,तब वे एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन डॉ. सुशील सिंघल से मिले। मरीज की हालत नाजुक थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने हार नहीं मानी और तुरंत दो आपातकालीन सर्जरी करने का निर्णय लिया।
पहली सर्जरी: गैंग्रीन से ग्रसित टिशू को हटाकर सेप्सिस का इलाज किया गया।
दूसरी सर्जरी: बाईं टांग से रक्त वाहिनी लेकर दाईं टांग में कृत्रिम नस (आर्टिफिशियल कंड्यूट) द्वारा बाईपास बनाया गया (फेमोरो-फेमोरल क्रॉसओवर बायपास), जिससे रक्त प्रवाह पुनः सुचारू हुआ।
असाधारण टीमवर्क से मिला जीवनदान!
इस दुर्लभ ऑपरेशन को सफल बनाने में एस.एन. मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अहम योगदान रहा—
सर्जरी टीम:
कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन: डॉ. सुशील सिंघल, डॉ. पुनीत, डॉ. आकाश, डॉ. सौरभ
एनेस्थीसिया विशेषज्ञ: डॉ. अर्चना, डॉ. सुप्रिया, डॉ. मंजीरी, डॉ अनुभव , डॉ रोहन
सहायक स्टाफ: सचिन, मोनू
जिस मरीज के बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, वह अब स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद ले रहा है! परिजनों की आंखों में आंसू थे, लेकिन इस बार ये आंसू खुशी के थे! सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानिया का विशेष मार्गदर्शन मिला। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि अब एस.एन. मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा अत्यंत जटिल सर्जरी भी सफलतापूर्वक की जा रही हैं, जिससे गंभीर मरीजों को बेहतरीन इलाज और जीवनदान मिल रहा है। अब एस.एन. मेडिकल कॉलेज बन रहा है गंभीर मरीजों के लिए जीवन की नई किरण!