आगरालीक्स…आगरा में उपन्यास ‘एक फेरे वाली दुल्हन’ का लोकार्पण. सच्ची दोस्ती के ऊपर एक संतुलित रोचक कहानी है ‘एक फेरे वाली दुल्हन’
साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच ‘माधुर्य’ उदीयमान लेखकों, कवियों और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष पर्यंत कार्यक्रम करता रहता है। इसी क्रम में माधुर्य संस्था द्वारा रविवार को खंदारी स्थित एक सभागार में अंतर्राष्ट्रीय लेखक दीपक श्रीवास्तव के उपन्यास ‘एक फेरे वाली दुल्हन’ का लोकार्पण किया गया। अपनी कृति पर प्रकाश डालते हुए दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय में आज का दोस्त भविष्य का कट्टर दुश्मन होता है। इसलिए स्वार्थी दौर में मैंने अपने प्यारे पाठकों के लिए विभिन्न प्रसंगों पर करारा प्रहार करते हुए सच्ची दोस्ती के ऊपर एक संतुलित रोचक कहानी का निर्माण किया है।
माधुर्य की अध्यक्ष निशिराज ने कहा कि दीपक श्रीवास्तव प्रयोग धर्मिता में सिद्धहस्त रचनाकार हैं। युवाओं के विचारों को पढ़ना उन्हें बखूबी आता है। यह कृति युवाओं एवं आधुनिक समाज के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। माधुर्य संस्था के संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि उपन्यासकार दीपक इस आपा-धापी के युग की वैचारिक क्रांति को स्वर देते हुए कथानक और शिल्प-शैली से दिलचस्प अनछुए परिप्रेक्ष्य में मित्रता को चरमोत्कर्ष पर आँक पाया है। कृति की समीक्षा करते हुए डॉ. मधुरिमा शर्मा ने कहा कि उपन्यास में आधुनिक सामाजिक दायरे, उनसे मिलने वाली चुनौतियों और भावनाओं की कसमसाहट, यह प्रमुख तीन बिंदु हैं जिनकी व्याख्या उपन्यास का हर पात्र अपने-अपने विवेक से करता है।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती रमा वर्मा ‘श्याम’ ने कहा कि यह उपन्यास दोस्तों के लिए त्याग, समर्पण, जिजीविषा और निस्वार्थ प्रेम का बहुत बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह कला पक्ष, भाव पक्ष और संवाद शैली से तारतम्य को तोड़े बिना पाठकों के मन को अंत तक बाँधने में पूर्णतः सक्षम है। मुख्य अतिथि सेंट जॉन्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि यह कृति आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगी। समारोह-अध्यक्ष सीए संजीव माहेश्वरी ने कहा कि यह उपन्यास एक निधि का काम करेगा जिससे समाज की समझ विकसित होगी। समारोह का संचालन माधुर्य की अध्यक्ष निशिराज ने किया। अतिथियों का स्वागत माधुर्य के संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त, राजकुमार जैन, सुधा वर्मा, डॉ. शशि गुप्ता, डॉ. सुषमा सिंह, अशोक अश्रु, शरद गुप्ता, नंद नंदन गर्ग, महेश शर्मा ‘गोपाली’, दुर्गेश पांडेय, इंदल सिंह ‘इंदू’ और यशोयश ने किया।