आगरालीक्स…(शरद माहेश्वरी).. आगरा में कोरोना की दूसरी लहर में अनसोशल नेताजी को क्या हो गया, नेताजी तो ज्यादा ही सोशल हो गए हैं, बर्थ डे पार्टी में भी जा रहे हैं और सोशल मीडिया पर जनसंपर्क के फोटो साझा कर रहे हैं।?
आगरा में अप्रैल और मई में कोरोना ने कहर बरपाया, हॉस्पिटल में बेड नहीं मिले। आक्सीजन की कमी हो गई लेकिन जनप्रतिनिधि दिखाई नहीं दिए। कोरोना की लहर कमजोर होने के साथ ही नेताजी भी सक्रिय होने लगे हैं, लेकिन यह सक्रियता चुनावों के मददेनजर है।
आज कहां कार्यक्रम है, कोई मरा हो तो वहीं चलें
नेताजी अब सुबह सुबह अपने समर्थकों से पूछ रहे हैं कि आज कहां जाएं। कोई बुला नहीं रहा है तो जिसकी मौत हो गई है, उसके यहां ही घूम आएं। सोशल मीडिया पर डालने के लिए फोटो बन ही जाएंगे। किसी के घर में बर्थ डे पार्टी है तो उसके लिए भी जाने के लिए नेताजी तैयार हैं।
बस मुददा बताओ, धरना भी दे देंगे
नेताजी जन समस्याओं को लेकर भी गंभीर हो गए हैं, बारिश से पहले सफाई नहीं हुई है तो बताओ, पानी और बिजली की समस्या है तो भी बताओ। बस कोई मुददा बताओ जिससे अधिकारियों को घेर सकें और फोटो बन जाए। जरूरत होगी तो धरना भी दे देंगे।
नेताओं का ह्रदय परिवर्तन अब जनतागिरी ही करनी है
दरअसल, 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, आगरा में नौ विधानसभा सीट हैं। इन सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी हैं। कोरोना ने लोगों को तोड दिया है, ऐसे में सरकार से भी लोगों की ज्यादा उम्मीद नहीं हैं, लोग अपनी समस्याओं के लिए भी जनप्रतिनिधियों के पास नहीं जा रहे हैं। इन हालातों में चुनाव को देखते हुए नेताजी को चिंता सताने लगी है, टिकट कैसे मिलेगी, इसके लिए कुछ तो काम करना होगा। काम करने के बाद दिखाना भी होगा, यह काम सोशल मीडिया ने आसान कर दिया है। इसलएि अब नेताजी ज्यादा सोशल हो रहे हैं और जनता के बीच में जाने का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं।