आगरालीक्स(01 August 2021 Agra News)…हरीपर्वत स्थित श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर परिसर एमडी जैन इंटर कॉलेज ग्राउंड में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मुनिश्री ने कहा कि कलश की परंपरा…।
मंगल कलश की स्थापना धूमधाम से हुई
रविवार को अर्हम योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज और मुनि श्री 108 चंद्रसागर जी महाराज ससंघ का चातुर्मास मंगल कलश स्थापना बड़े ही धूमधाम के साथ हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ अशोक पाटनी और सुशीला पाटनी किशनगढ़ के परिवारों ने ध्वजारोहण के साथ किया। चित्र अनावरण आगरा दिगंबर जैन परिषद के प्रतिनिधियों ने किया। पादप्रक्षालन जितेन्द्र जैन छाबड़ा ने किया। दीप प्रज्वलन अर्घ्य समर्पित,शास्त्र भेंट,पूजन यह सभी क्रियाएं अशोक जैन शास्त्री इंदौर ने कराई।
चातुर्मास का समय ऋषि और कृषि कार्यों के लिए
मुनि श्री ने धर्म सभा में कहा कि कलश की परंपरा समाज को एकत्र करने के लिए है। यह मुनियों की परंपरा नहीं है। मुनि तो संकल्पित कलश स्वयं में धारण करते हैं। श्रावक जब कलश स्थापना कर तन, मन, धन से मुनि की सेवा करते हैं। मुनि जो स्वाध्याय करते हैं, उसका छठा भाग श्रावक को मिलता है। उन्हाेंने कहा कि चातुर्मास का समय ऋषि और कृषि कार्यों के लिए सर्वोत्तम होता है।
सावन में धर्म श्रवण करें
मुनि श्री ने कहा कि सावन में धर्म श्रवण करना चाहिए। भादों में भद्र परिणाम रखना चाहिए। अश्विन में आश्वारूढ़ होकर और कार्तिक में धर्म की कीर्ति फैलानी चाहिए। इस चातुर्मास में सबकी चेतना जागृत होनी चाहिए। सभी के हृदय में अज्ञान का अंधकार दूर करने वाला सम्यक ज्ञान का दीप जलना चाहिए। शास्त्र भेंट के साथ स्वाध्याय का संकल्प जरूरी है।
मन में श्रद्धा का कलश स्थापित करें
उन्होंने कहा कि कलश स्थापना के साथ हर व्यक्ति के मन में श्रद्धा का कलश भी स्थापित होना चाहिए। हम अपने हृदय के दरवाजे खोलें तो यह चातुर्मास चमत्कार घटित कर सकता है। सत्य का सूरज और आनंद का अमृत हमारे घर आंगन में उतर सकता है। चातुर्मास जीवन का आध्यात्मिक प्रयोग है। मनुष्य की चेतना जो हर पल बाहर भटकती रहती है, उसको भीतर लौट आने की प्रक्रिया का नाम चातुर्मास है।
दूर—दूर से आए भक्त
मुनि श्री ससंघ को आगरा सकल जैन समाज, दिल्ली,सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सिरसागंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, टूंडला से आए हुए भक्तों ने श्रीफल चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज और मुनि श्री 108 चंद्र सागर महाराज की मंगल आरती कर कार्यक्रम संपन्न हुआ।
अर्हम योग के बारे में बताया
कार्यक्रम के बाद अर्हम योग की टीम के साथ दिल्ली से पधारीं रुचि जैन ने अर्हम योग के बारे में बताया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरिद्धार से आए मनोहरलाल आर्य थे।
15 अगस्त तक होगी पारसनाथ कथा
मीडिया प्रभारी शुभम जैन ने बताया कि अर्हम योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में चार अगस्त से 15 अगस्त तक पारसनाथ कथा का आयोजन कॉलेज ग्राउंड में होगा।
नृत्य देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
कार्यक्रम का संचालन मनोज बाकलीवाल और डॉरु मुकेश जैन शास्त्री ने किया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीपक जैन, संस्कृति जैन और शांतिनाथ जैन मंडल हरीपर्वत , शांतिनाथ महिला मंडल जयपुर हाउस ने किया। सेक्टर 7 बोदला के बच्चों ने ओम अर्हम नम:पर नृत्य किया तो सभी मुग्ध हाे गए। चातुर्मास मंगल कलश स्थापना में प्रथम अर्हं आदिनाथ कलश, दूसरा अर्हं अजितनाथ कलश, तीसरा अर्ह शांतिनाथ कलश, चौथा अर्ह नेमीनाथ कलश, पांचवां अर्हं महावीर कलश मंत्र उच्चारण के साथ स्थापित किया गया।
ये रहे मौजूद
आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन, संपादक महामंत्री सुनील जैन, अर्थमंत्री राकेश जैन, प्रदीप जैन, निर्मल मौठया, जितेन्द्र जैन, राकेश जैन पार्षद, राजकुमार जैन, पारसबाबू जैन, दिलीप जैन, सतीश जैन, निर्मल मौठया, मदनलाल बैनाड़ा, हीरालाल बैनाड़ा, अमित सेठी, राजेश सेठी, राजेंद्र जैन, अनंत जैन, अंकेश जैन आदि।