Agra Metro Update: These features of Agra Metro will make it more special…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में मेट्रो प्रोजेक्ट ने बदला फतेहाबाद रोड का लुक. आगरा मेट्रो की ये खासियतें बनाएंगी इसको और खास…
आगरा में मेट्रो प्रोजेक्ट काफी तेज गति से चल रहा है. प्रॉयरिटी कॉरिडोर के छह स्टेशनों ताज पूर्वी, बसई और फतेहाबाद रोड जहां ऐलिवेटेड हैं तो वहीं ताजमहल, आगरा फोर्ट और जामा मस्जिद अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जा रहे हैं. तीनों ऐलिवेटेड स्टेशनों का काम अपने अंतिम चरण मेंपहुंच चुका है तो वहीं अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों के लिए भी तेज गति से कार्य जारी है. मेट्रो से जुड़े सूत्रों के अनुसार आगरा में अगले साल दिसंबर में मेट्रो का ट्रायल इन छह स्टेशनों पर किया जाएगा. ट्रायल सफल होने पर इस रूट पर आम लोगों के लिए मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि आगरा में आगरा कॉलेज, दिल्ली गेट और आरबीएस कॉलेज पर बनने जा रहे अंडरग्राउंड स्टेशनों पर भी काम तेज गति से जारी है लेकिन अभी ये तीनों स्टेशन प्रॉयरिटी सेक्शन में नहीं हैं.
बदलने लगा फतेहाबाद रोड का लुक
आगरा के तीन ऐलिवेटेड स्टेशन का काम अंतिम चरण में होने के कारण इस मार्ग का लुक पूरी तरह से बदल गया है. मेट्रो का एरियल व्यू दिखाया गया है जिसमें ताजमहल भी साफ नजर आ रहा है.
रेलवे से अलग होंगे आगरा मेट्रो के सिग्नल
आगरा मेट्रो के सिग्नल भारतीय रेलवे से भिन्न होंगे. भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन यातायात प्रबंधन हेतु पारंपरिक सिग्नल प्रणाली का प्रयोग किया जाता है. इस प्रणाली में गाड़ी को चलने व मेन लाइन पर गति के साथ आगे बढ़ने के लिए हरा रंग, रुकने के लिए लाल व सावधानी के साथ धीरे चलने के पीले रंग का प्रयोग किया जाता है. वहीं, यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो ट्रेन के चलने के लिए हरा, रुकने के लिए लाल व सावधानी के साथ आगे बढ़ने के लिए बैगनी (वॉयलेट) रंग का प्रयोग किया जाएगा. लखनऊ एवं कानपुर मेट्रो में भी इन तीन रंग के सिग्नल का प्रयोग किया जाता है.
आगरा मेट्रो पर एक नजर
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे. ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा. जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा.
आगरा मेट्रो ट्रेनों की विशेषताएं:
इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45% तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा।
इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
आगरा मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी।
ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।
ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे।
आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा।
इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है।
हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुँचेगा।
हर ट्रेन में 56 यूएसबी (USB) चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे।
इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
टॉक बैक बटन: इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।