Agra News: Seminar on “Human Rights: Challenges and Solutions” held
Agra News: 3914 abandoned or stray cattle are roaming in the open in Agra. Divisional Commissioner gave strict orders…#agranews
आगरालीक्स…आपको पता है..आगरा में 3914 छुट्टा या आवारा गोवंश खुले में घूम रहा है. मंडलायुक्त ने पूछा कारण तो मिला ये जवाब. जताई नाराजगी, दिए सख्त आदेश.
आवारा एवं निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे विशेष गौ संरक्षण अभियान की मंडलीय समीक्षा हेतु मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।जिसमें आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी जिले के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, नगरायुक्त सहित पशुपालन, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, नगर विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मंडलायुक्त ने ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में नवीन अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल निर्माण की स्थिति, सरंक्षित किये गए गौवंश, निराश्रित गोवंश को पकड़ने हेतु विशेष दस्ते और कैटल कैचर वाहन के साथ गौशालाओं की व्यवस्था इत्यादि को लेकर समीक्षा की।
बैठक में डॉ विवेक कुमार भारद्वाज, अपर निदेशक पशुपालन विभाग आगरा मंडल द्वारा उपरोक्त बिंदुओं पर जिलेवार रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। जिसके अनुसार आगरा जिले में 6000 गोवंश सरंक्षित किया जाना है जिसमें से 2086 गोवंश सरंक्षित हो चुके हैं जबकि 3914 सरंक्षित किये जाना बाकी है। मथुरा में 2100 के सापेक्ष 1293 गोवंश सरंक्षित किये गए हैं जबकि 1707 बाकी हैं। फिरोजाबाद में 1500 के सापेक्ष 936 निराश्रित गोवंश का सरंक्षण हुआ है जबकि 564 बाकी हैं। मैनपुरी में 1500 के सापेक्ष 718 गोवंश सरंक्षित किये गए हैं जबकि 1372 सरंक्षित किये जाने बाकी है। वहीँ वर्तमान में आगरा में 12, मथुरा में 8, फिरोजाबाद में 9 और मैनपुरी में 8 आश्रय स्थल/गौशालाएं हैं जो कि सरंक्षित किये जाने वाले गोवंश की क्षमता के अनुरूप कम है।
इस स्थिति में आगरा और मथुरा जिले में लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम निराश्रित गोवंश को सरंक्षित किया गया है। जिस पर मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आगरा जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि तय लक्ष्य से काफी पीछे हैं। जिले में जितने भी स्थायी और अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल हैं उसमें क्षमता के अनुरूप निराश्रित गोवंश को सरंक्षित किया जाए। अपने स्तर से सभी अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्धारित समय व लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार करें। नगर पालिका, नगर निगम भी इसमें गंभीरता से काम करें। अगर कहीं लापरवाही होती है तो अपने स्तर से जिम्मेदारों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करें। मंडलायुक्त ने आगरा और मथुरा में निर्धारित क्षमता के अनुरूप निराश्रित आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
निराश्रित गोवंश को पकड़ने वाले विशेष दस्ते, कैटल कैचर वाहन, गौशाला के संचालन हेतु भरण पोषण, केअर टेकर, सहभागिता लाभार्थी और उपयोगिता प्रमाण पत्र इत्यादि की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां-जहां कैटल कैचर वाहन की कमी है, उसे पूरा करें। भरण-पोषण को लेकर फण्ड की मांग को शासन को भेजें। सभी गौशालाओं में केअर टेकर नियुक्त होने चाहिए। उपयोगिता प्रमाणपत्र लेने हेतु शासन को समय से भुगतान कर दिया जाए। साथ ही सहभागिता लाभार्थियों के भुगतान करने हेतु 2-3 दिन में ही डेटा अपडेट किया जाए। मंडलायुक्त ने पुलिस अधिकारियों से भी आग्रह किया कि आपको हर क्षेत्र की जानकारी रहती है, इसलिए आपके यहाँ जहां भी निराश्रित गोवंश ज्यादा दिखते हैं उसे चिन्हांकन कर प्रशासन को अवगत कराएं। आवारा गोवंश को आश्रय स्थल भेजने में जहां भी परेशानी आती है तो उसमें विभाग का सहयोग करें।
बैठक के अंत में मंडलायुक्त ने स्पष्ट तौर पर निर्देश देते हुए कहा कि निराश्रित गोवंश सरंक्षण अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। जिलाधिकारी संबंधित सभी विभागों के साथ बैठकर एक्शन प्लान बनाएं। सुनिश्चित करें कि 31 दिसंबर के बाद कहीं भी छुट्टा या आवारा गोवंश घूमते हुए नहीं दिखाई दें। सभी आश्रय स्थल और गौशालाओं की व्यवस्था में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। सर्दी से बचाव और हरे चारे के उपयुक्त इंतजाम होने चाहिए। वर्तमान में जितने भी नवीन आश्रय स्थल का निर्माण चल रहा है उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इस अभियान को पूरे होने में समय कम है, इसलिए सभी को गंभीरता से काम करने की जरूरत हैं। जहां भी लापरवाही होती है जिलाधिकारी अपने स्तर से उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करे।