आगरालीक्स…Agra News : आगरा में एचआईवी के साथ ही टीबी के मरीज भी बढ़ रहे हैं, टीबी से बचाव के लिए दवा पिलाई जा रही है। ( Agra News : 5149 active case of HIV positive in Agra #Agra )
जिला क्षय रोग व एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष 442 एचआईवी मरीजों को टीबी से बचाव की दवा खिलाई गई। जिन टीबी मरीजों को एचआईवी भी है, उनके टीबी का इलाज पूरा होने के बाद उन्हें भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खिलाते हैं। लेकिन अगर ऐसे मरीज ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीज हैं तो उन्हें बचाव की दवा नहीं खिलाई जाती है।
जिले में एचआईवी के 5149 सक्रिय मरीज
डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि इस समय जनपद में एचआईवी के 5149 सक्रिय मरीज हैं। इस वित्तीय वर्ष में 420 नये एचआईवी मरीज पंजीकृत किये गये। इलाज के दौरान 13 एचआईवी मरीजों की मौत भी हुई है। इस वित्तीय वर्ष 27181 टीबी मरीज खोजे गए सभी की एचआईवी की जांच कराई गई जिस में से ऐसे 88 एचआईवी मरीज पंजीकृत किये गये हैं जिनमें टीबी की भी बीमारी निकली है। इन मरीजों को दोनों प्रकार की दवाएं साथ- साथ खिलाई जा रही हैं।
एचआईवी और एड्स में अंतर
डॉ.सुखेश गुप्ता ने बताया कि जब कोई व्यक्ति कई वर्षों तक एचआईवी वायरस से पीड़ित रहता है और उसका उपचार नहीं होता है तो वह एड्स मरीज बन जाता है ।यदि एचआईवी मरीज एड्स का रोगी बन जाता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली रोगाणुओं से अच्छी तरह से नहीं लड़ पाती। यही वजह है कि एड्स से पीड़ित लोगों को अक्सर गंभीर संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।