आगरालीक्स….आगरा ‘शिव नगरी’ है. काशी, अयोध्या और मथुरा की तरह आगरा भी बने आध्यात्मिक पर्यटन स्थल. ‘आगरा बियॉन्ड ताज’ में शिव मंदिरों के कालक्रम पर हुआ सेमिनार
आगरा सच्चे रूपों में शिव नगरी है. आगरा के चारों कोनों पर शिव विराजमान हैं. शहर के मध्य में दो ऐतिहासिक शिव मंदिर हैं. बटेश्वर शिव मंदिरों की श्रृंखला में विश्व में प्रसिद्ध है. आगरा भी काशी, मथुरा और अयोध्या की तहर आध्यात्मिक पर्यटन स्थल बने इसके लिए स्फीहा (सोसाइटी फॉर प्रिजर्वेशन ऑफ हेल्दी एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी एंड हेरिटेज ऑफ आगरा) ने टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा और यूपी टूरिज्म के साथ मिल कर ताज महोत्सव के तत्वधान में “आगरा बियॉन्ड ताज”, होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में अयोजित किया. चर्चा का विषय था ‘आगरा और बटेश्वर के शिव मंदिरों का कालक्रम’.
मुख्य वक्ता मनकामेश्वर नाथ मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि आगरा सच्चे अर्थों में एक शिव नगरी है. अब शहर को एक आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का समय आ गया है लोगो को दो शिवलिंग के विज्ञान के बारे में बताना होगा. अध्यात्म को विज्ञान से जोड़े. गाइड भी शिवालय के बारे में जाने और पर्यटकों को बताए.
टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के पूर्व अध्यक्ष अरुण डंग ने कहा कि माधव सिंधिया और अहिल्याबाई ने आगरा और बटेश्वर में कई मंदिर बनवाए और नजीर अकबराबादी ने अपनी कविताओं में आगरा के चरित्र को आकार देने में इन मंदिरों की भूमिका पर प्रकाश डाला है. आगरा में कई शिव मंदिरों के पुनरुत्थान में मराठा साम्राज्य की भूमिका पर प्रकाश डाला. स्फीहा उपाध्यक्ष और टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के पूर्व अध्यक्ष राजीव नारायण ने स्वागत किया. सचिव पंकज गुप्ता ने आध्यात्मिकता और पर्यावरण चेतना पर बात की.
मेला कोठी एवं चंबल सफारी की निदेशक अनु ढिल्लन सिंह ने बटेश्वर के विभिन्न शिव मंदिरों और उनके संक्षिप्त इतिहास पर एक प्रस्तुति दी. यूपी पर्यटन के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों के बारे में बात की. टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के सचिव राजीव सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.