आगरालीक्स…आर्टीफिशियल ज्वैलरी का कारोबारी बना रहा था नकली नोट. देश के कई राज्यों और बड़े शहरों में चलाए जा रहे थे ये नकली नोट…ऐसे आया पकड़ में
जीआरपी मथुरा ने बीते 9 दिसंबर को जाली नोटों का अवैध कारोबार करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन बदमाशों को अरेस्ट किया था. इस गिरोह का एक सदस्य फरार चल रहा था. जाली नोटों का अवैध कारोबार करने वाले गिरोह के इस वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक रेलवे, आगरा मो. मुश्ताक द्वारा पुलिस उपाधीक्षक रेलवे, आगरा सुदेश गुप्ता के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक विकास सक्सेना के नेतृत्व में 08 टीमों का गठन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये थे. गठित टीमों द्वारा आज 06.01.2023 को मुखबिर के माध्यम से नया बस स्टैण्ड जनपद मथुरा से वाँछित/सक्रिय सदस्य दीपक पुत्र मानबहादुर को गिरफ्तार किया गया.
नाम व पता गिरफ्तार अभियुक्त
1.दीपक पुत्र मानबहादुर निवासी चेबार थाना देवगांव जनपद आजमगढ हाल निवासी फ्लैट नं0 1203 रुद्रऐश्वर्यम थाना शिवपुर जिला वाराणसी उम्र 43 वर्ष ।

ये दी जानकारी
अभियुक्त दीपक ने ने पूछताछ में बताया कि उसकी बाराणसी मे आर्टीफिशियल ज्वैलरी की दुकान है और वह भारत के कई शहरों में ज्वैलरी बेचता है। इसी बीच उसकी रौनक से दोस्ती हुई थी। जब रौनक ने उसे जाली नोट बनाने के के बारे बताया कि हम लोग कम पैसा लगाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं तो मैंने नकली नोट बनाने की मशीन, सिक्योरिटी पेपर व कैमिकल आदि को खरीदने के लिए पैसे लगाए थे। हम लोगों ने साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाकर नकली नोट बनाने लगे थे। हम लोग नकली नोटों की छापाई करके अपने सदस्यों के माध्यम से भारत के कई राज्यों व बडे शहरों में सप्लाई करते हैं। दीपक भी अपनी ज्वैलर्स की बिक्री की आड में बनारस व अन्य बडे शहरों में नकली नोटों की सप्लाई करता था।
जीआरपी मथुरा ने पिछले महीने 9 दिसंबर को इस गैंग के सदस्य रौनक, कलीमुल्ला काजी, मोहम्मद तकीम उर्फ तकी व धर्मेन्द्र को 10 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जिसकी जानकारी दीपक को भी मिल गई थी इसलिए वह पुलिस से बचने के लिये अपना मोबाइल फोन बंद करके इधर-उधर छुपता घूम रहा था.