Agra News: Bhajan Sandhya on the birth anniversary of Sai Leelashah in Agra…#agranews
आगरालीक्स…सारी दुनियां से हम बेगाने हैं, साईं लीलाशाह के दीवाने हैं…आगरा में भजन संध्या
सांई लीलाशाह की भक्ति के स्वर बिखरे तो मानों सम्पूर्ण वातावरण और हर भक्त का मन पावन हो गया। भजन संध्या में कहीं झूमते, कहीं गाते तो कहीं बंद आंखों से सांई क स्मरण करते भक्तों में भक्ति का भाव नजर आया। संत सिरोमणी सांई लीलाशाह के 143वें जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। शाहगंज श्रीकृष्ण गौशाला में आयोजित भजन संध्या में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उत्साह व श्रद्धा के साथ भाग लिया। भजन संध्या का शुभारम्भ सोमनाथ धाम के मठाधीश डॉ. पीर शंकरनाथ योगी ने सांई लीलाशाह की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ग्वालियर के भजन गायक जयकिशन तलरेजा ने अपने भक्तिमय मधुर स्वरों से सजे भजनों में सांई की महिमा गाई तो हर भक्त मंत्रमुग्ध हो गया।

सर्वप्रथम गणेश वंदना फिर शुक्रिया शुक्रिया मेरे साईं तेरा शुक्रिया…, रहबर तेरे चरणों में हर श्वास गुजर जाए…, कबूल मेरी विनती होनी चाहिए, तेरे पागलों में मेरी गिनती होनी चाहिए…, सारी दुनियां से हम बेगाने हैं, हम साईं लीलासाह के दीवाने हैं…जैसे भजनों को श्रद्धालुओं ने खूब आनंद लिया। श्रीकृष्ण गौशाला के अध्यक्ष गिरधारी लाल भगत्यानी ने सभी अतिथियों का पटका पहनाकर स्वागत किया व एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है सतगुरु… भजन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से गौशाला कमेटी के सचिव महेश मंगरानी, कोषाध्यक्ष मनीष हरजानी, पूरनचंद, लक्ष्मणदास परियानी, हेमन्त भोजवानी, जेपी धर्मानी, भगवान अवतानी, हरीश होतचंदानी, श्याम भोजवानी,जितेंद्र त्रिलोकानी, जेके मदनानी, अर्जुनदास, मुरलीधर पहलाजानी, ज्ञानमूलानी, संजय कुंडलानी, महेश भवानी, नारायण दास पारवानी, तुलजाराम, सौरभ, लाल मोटवानी, नरेश लखवानी, उमेश पेरवानी, लक्की सावलानी, लता भगत्यानी, रीया हरजानी, पूजा भोजवानी, वर्षा धर्मानी, कीर्ति भगत्यानी आदि उपस्थित थे।
साईं लीलाशाह के बर्तन व वस्त्रों का हो रहा पूजन
श्रीकृष्ण गौशाला के अध्यक्ष गिरधारीलाल भगत्यानी ने बताया कि साईं लीलाशाह के 143वें जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण गौशाला स्थित उनकी कुटिया में गुजरात (पालनपुर) से साईं लीलाशाह द्वारा प्रयोग किए जाने वाले बर्तन, वस्त्र, पासपोर्ट की कॉपी आदि को लाया गया है। साईं लीलाशाह जिस भगोने में खीर बनाते थे, थाली, कटोरी, हाथ से लिखे पत्रों के साथ साईं लीलाशाह के 25 स्थानों की रज लाकर मंदिर में रखा गया है। भक्तजन उनके दर्शन कर रहे हैं। प्रतिदिन पूजन किया जा रहा है।