Agra News: Capturing leopard on camera is full of challenges…#agranews
आगरालीक्स…आगरा के निकट बेरा (राजस्थान) के जंगलों में लगातार घूमे, चुनौतियां आई सामने. बताया—क्यों तेंदुआ को कैमरे में कैद करने में होती है मुश्किलें
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छांव फाउंडेशन आगरा के द्वारा फतेहाबाद रोड स्थित शिरोस हैंग आउट कैफ़ पर दिनांक आज ‘संवाद ‘ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मोटर स्पोर्ट्स क्षेत्र में नाम कमाने वाले हरविजय सिंह वाहिया को आमंत्रित कर “वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी ” और उनके नये अभियान तेंदुए (leopard) का अध्ययन करने और अनुभवों पर पुस्तक लिखने आदि के विषय में विस्तार से चर्चा की गयी।
बेहद फुर्तीला होता है तेंदुआ (leopard)
श्री वाहिया ने बताया कि चालाक और फुर्तीले तेंदुए के स्वच्छंद आचरण का अध्ययन और फोटोग्राफी सहज नहीं है, कई साल के लगातार अध्ययन क्रम के बाद अब वह जान सके हैं कि तेंदुए का वन जीव के रूप में स्वाभाविक आचरण ,उसकी क्या जरूरतें हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें तेंदुए की प्राकृतिक रूप में मौजूदगी वाले आगरा के निकट बेरा(राजस्थान के पाली जिले की बाली तहसील) के जंगलों में लगातार घूमना पडा तमाम असुरक्षित स्थितियों का सामना करना पड़ा ,जिनमें से ज्यादातर जिंदगी के लिये अपने आप में चुनौती रहीं.
उनका कहना है कि तेंदुए के इस अध्ययन अभियान में केवल कैमरे के साथ कई कई दिन तक सडक विहीन उस जंगल में खूब भटके। उनके लिये हर पल आत्मबल बढ़ाने और प्रकृति की महिमा का अहसास वाला था. तेंदुआ एक निहायत फुर्तीला और अपनी असुरक्षा को भांप तत्काल पैंतरे बदलते रहने वाला वन्य जीव है. इस लिये उसे कैमरे में कैद करना कभी आसान नहीं रहा.।
वाइल्डरनेस से भरपूर है ‘बेरा के शहंशाओं का आशियाना
संवाद के दौरान श्री वाहिया ने बेरा गांव के जंगलों बनाये विडियो और खींचे गये फोटोग्राफो का भी प्रदर्शन किया. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान ही अपनी भावी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि वह शीघ्र ही तेदुओं के रोमांच भरे अभियान को एक किताब के रूप में सामने लायेंगे. फोटुओं से भरपूरता वाली यह किताब हालांकि आत्म संतुष्टि के लिये ही लिख रहे हैं ,लेकिन अगर फोटोग्राफी और वन्यजीव क्षेत्र से जुड़े अध्ययनकर्ताओं के उपयोग में भी यह आ सके तो उन्हे खुशी होगी और वह अपने प्रयास को भविष्य के लिये अधिक प्रेरक मानेंगे.
फोटोग्राफी क्षेत्र में भी अपेक्षाएं
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी और छांव फाऊंडेशन के ऍडवाज़री बोर्ड के मेम्बर अनिल शर्मा ने कहा कि हरविजय सिंह वाहिया को अपने बीच पाकर हम अभिभूत हैं। कार रैलियें में भाग लेकर उन्होंने आगरा का नाम रोशन किया है। मोटर रैली क्षेत्र में उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान है. अब वह वन्यजीव अध्ययन कर किताबें लिखने के कार्य में जुड़े हुए हैं, निश्चित रूप से आने वाले वक्त में वह जंगल,वन्यजीव क्षेत्र क लेखक के रूप में भी स्थापित नाम होंगे। यही नहीं उनके फोटोग्राफ देश विदेश की प्रदर्शनियों में विशिष्ट आकर्षण होंगे.
एसिड पीड़िताओं के लिये प्रेरक
फाउंडेशन के डायरेक्टर आशीष शुक्ला ने कहा कि हरविजय सिंह वाहिया हमेशा सक्रिय रहते हैं. निश्चित रूप से ‘एसिड सर्वाइवर ‘युवतियों के लिये भी उनके शौक और साहसिक अभियान प्रेरक हैं. श्री शुक्ला ने कहा कि यह संगोष्ठी ज्ञानवर्धक होने के साथ साथ ही एसिड पीड़ितों की सामाजिक सरोकारों से संवाद शून्यता को समाप्त करने वाला आयोजन है. उन्हों ने कहा कि फाउंडेशन ‘आगरा को बेहतर बनाने’ के अभियान में अहम भूमिका हो सकती है और इसके लिये संवाद का आयोजन निश्चित रूप में महत्वपूर्ण अवसर होता है.
ये रहे मौजूद
आज के संवाद में ब्रिग विनोद दत्ता, महेश शर्मा, सुधीर नारायण, असलम सलीमी, राम मोहन कपूर, डॉ मधु भारद्वाज, देविका बहिया, गोपाल सिंह, आशीष भाटिया, अनिल शुक्ला,अखिलेश दुबे,वत्सला प्रभाकर, शीला बेहल, हर्षदीप उप्पल, विक्रम शुक्ल, अजय कक्कर, वेदपाल धार, डॉ प्रियम अंकित, प्रीति कुमारी, सुदेश कुमार, स्वाति मिश्रा, वेद त्रिपाठी, प्रोफ आशीष कुमार, वंदना तिवारी, बी के शर्मा मनोज टेंगुरिया, मीना कुमार, एम के सक्सेना, प्रवीण शर्मा, मनीषा शुक्ल, कवि अनिल कुमार शर्मा , शाहीन मज़ाज खान, आरजे अर्जुन,अंटिनिए एरुम, आदि उपस्थित रहे। अनिल शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और आशीष शुक्ल ने धन्यवाद दिया।