आगरालीक्स…आगरा में साहित्य प्रेमियों की आवाज बना सामुदायिक रेडियो आगरा की आवाज़. मधु मालिका गीतामृत का हुआ लोकार्पण
कम्युनिटी रेडियो 90.4 सामुदायिक रेडियो आगरा की आवाज (डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा) निरंतर साहित्य से लोगों को जोड़ने का कार्य लगातार कर रहा है. इसी के तहत मंंगलवार को चेतना इंडिया आगरा एवं साहित्य संगीत संगम के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो ने रेडियो पार्टनर बनकर होटल ग्रांड में मधु मालिका गीतामृत लोकार्पण समारोह का आयोजन किया. प्रकृति के चितेरे सुमित्रानंदन पंत की परंपरा के सिद्ध हस्त कवि श्री जीवन चंद पंत के सात सुमधुर गीतों की वीडियो श्रृंखला “मधु मलिका गीतामृत” का लोकार्पण ग्रैंड होटल सभागार आगरा में संपन्न हुआ। आयोजन की अध्यक्षता-आकाशवाणी दिल्ली की वरिष्ठ समाचार वाचक चंद्रिका जोशी ने की। वीडियो श्रृंखला की गुणवत्ता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पन्त जी के गीतों की आत्मा को इस श्रृंखला के संगीतकार ने समझा है इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
आगरा के वरिष्ठ साहित्यकार और आयोजन के मुख्य अतिथि -श्री अरुण डंग ने कहा पंत जी के गीत पर्वतों पर फैली प्रकृति की सुषमा का भास कराते हैं। इन वीडियोज् को बनाते समय प्रकृति के उन्हीं रंगों को बहुत ही कुशलता से सहेजा गया है। इसके लिए वीडियोग्राफर को धन्यवाद देना ही चाहिए कार्यक्रम का शुभारंभ पूजा तोमर की सरस्वती वंदना से हुआ। 90.4 आगरा की आवाज सामुदायिक रेडियो डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा की ओर से अतिथियों का स्वागत रेडियो कार्यक्रम अधिशासी और विश्वविद्यालय जनसम्पर्क अधिकारी पूजा सक्सेना एवं इंजीनियर तरुण श्रीवास्तव ने माल्यार्पण कर किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए चेतना के महासचिव
श्री दुर्ग विजय सिंह दीप ने कहा चेतना के द्वारा साहित्य संगीत संगम के सहयोग से निरंतर नए प्रयोग किया जा रहे हैं और यह श्रृंखला इस प्रयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है ।हम आगे भी इसी तरह के अभियान में शामिल रहेंगे।
विशिष्ट वक्ता डॉ. शशि गोयल ने कहा साहित्यिक दृष्टि से पंत जी की कविताएं मानस पटल पर जो चित्र बनाती हैं उन्हें हम इन वीडियोज के माध्यम से पूरी तरह महसूस कर सकते हैं। किसी भी रचनाकार को दृश्य और श्रव्य माध्यम से इस प्रकार जीवंत कर देने के लिए निर्देशक सुशील सरित की पूरी टीम बधाई की पात्र है। विशिष्ट वक्ता -डा. मोनिका दीक्षित (संगीत विभागाध्यक्ष के आर गर्ल्स डिग्री कॉलेज मथुरा) ने कहा इन वीडियोज् में संगीत की दृष्टि से भी सारे गीतों को किन-किन रागों में संगीतबद्ध किया जाना चाहिए ,इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है और यदि गीत की भावना के अनुरूप रागों का चयन किया जाए तो गीतों की प्रभाव क्षमता कितनी बढ़ जाती है इसे आप इन वीडियोज् को देखकर स्वयं महसूस कर सकते हैं।
इस अवसर पर दिल्ली से पधारे विख्यात व्यंगकार सुनील जैन राही, भारतीय विशेष विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मलय पन्त, नागरिक उड्डयन मंत्रालय अधिकारी गगन पंत, दिल्ली के समाचार वाचक एवं उद्घोषक प्रदीप कुमार, बिभा सिंह, मृगनयनी पांडे, नवीन सक्सेना, सिद्धार्थ सिंह आदि ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। संस्था के द्वारा इस अवसर पर सुभाष सक्सेना (संगीत निर्देशक) प्रोफेसर डॉ आन्शवना सक्सेना और पूजा तोमर (गायिका) कुमारी -यशी भारद्वाज (कथक नृत्यांगना ) एवं अंकुर बंसल -(गति चित्रांकन) का सम्मान किया गया। डॉ असीम आनंद चंद्रशेखर शर्मा, हरीश भदोरिया ,सुधीर शर्मा, प्रेम राजावत ,विनय बंसल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।