आगरालीक्स…आगरा की रहने वाली भारत को रिप्रजेंट कर रहीं गजल खान बनीं इंटरनेशनल काउंसिल आफ व्हीलचेयर क्रिकेट में वाइस चेयरमैन
2014 से दिव्यांग क्रिकेट के क्षेत्र में कार्यरत गजल खान की नियुक्ति इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ व्हीलचेयर क्रिकेट आईसीडब्ल्यूसी, इंग्लैंड में वाइस चेयरपर्सन के पद पर हुई है। आईसीडब्ल्यूसी इंग्लैंड के द्वारा हाल ही में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की सूची जारी की गई, जिसमें भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, बांग्लादेश, आदि देशों के प्रतिनिधित्व को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में शामिल किया गया। जिसमें से भारत की ओर से ग़ज़ल खान जो कि दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया की सीईओ है तथा हारून रशीद संस्थापक एवं जनरल सेक्रेटरी दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया का नाम इस सूची में बतौर वाइस चेयरपर्सन एवं अध्यक्ष के रूप में शामिल किया गया। आईसीडब्ल्यूसी सम्पूर्ण विश्व में व्हीलचेयर क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था है, जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण विश्व में व्हीलचेयर क्रिकेट का संचालन हो रहा है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, इंग्लैंड, ईरान, अफ्रीका जैसे देशों की संस्थाएं आईसीडब्ल्यूसी से मान्यता प्राप्त हैं। आईसीडब्ल्यूसी के अंतर्गत एशिया कप, विश्व कप, द्विपक्षीय, त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय आदि व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का विश्व के अनेक देशों में आयोजन होता है।
ग़ज़ल खान देश में ही नहीं विदेशों में भी दिव्यांग क्रिकेट के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। हाल ही में उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल फॉर फिजिकली चैलेंज्ड आईसीसीपीसी में सेक्रेटरी ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स तथा दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया की एजीएम में पूर्ण बहुमत के साथ सीईओ के पद पर नियुक्त किया गया है। यही नहीं वह विश्व के सबसे बड़े दिव्यांगजन क्रिकेट टूर्नामेंट दिव्यांग प्रीमियर लीग की भी सीईओ है। बीते वर्ष दुबई के शारजाह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर डीपीएल T 20 सीजन वन खेला गया था, जिसे सफल बनाने में ग़ज़ल खान का अहम योगदान रहा था। महज 27 वर्ष की उम्र में विश्वपटल पर दिव्यांगजन क्रिकेट के क्षेत्र में कार्य करने वाली ग़ज़ल खान उम्र में सबसे छोटी लेकिन कार्य में काफी बड़ी हैं। उनके कठोर संघर्ष पूरे भारतवर्ष का नाम देश विदेश में रोशन हो रहा है। गजल खान फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट को विश्व स्तर पर डेवेलप करने का कार्य कर रही हैं और उनके प्रयास से आने वाले समय में पूरे विश्व में कई नई दिव्यांग क्रिकेट टीम क्रिकेट खेलती नजर आएंगी।
इस अवसर पर ग़ज़ल खान ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मेरा उद्देश्य दिव्यांगजन खिलाड़ियों को वही मान सम्मान और अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए वहीं प्लेटफार्म देना है जो सामान्य खिलाड़ियों को मिलता है। यह दिव्यांग खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ियों से कम नहीं है। क्रिकेट हमारे देश में ही नहीं पूरे विश्व में सबसे पसंदीदा खेलों में शामिल है और दिव्यांग क्रिकेट इनके जीवन में एक नई आशा की किरण लेकर आता है। चाहे टोक्यो पैरालंपिक हो या बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम हो हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने देश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है तो फिर दिव्यांग क्रिकेटर को पीछे क्यों रखा जाए। भारत सरकार से विनम्र मेरी प्रार्थना है की दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया को स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री की तरफ से समर्थन किया जाए एवं इस खेल के लिए आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जाए।