Agra News: Guru Ka Tal intersection became accident point in Agra. ‘Afraid’ to cross but still everyone is in a hurry…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में एक्सीडेंट प्वाइंट बना गुरु का ताल चौराहा. क्रॉस करने में ‘डर’ लेकिन फिर भी सबको जल्दी…जानिए वो कारण जिससे हो रहे हादसे….
आगरा में पिछले कुछ समय से एक्सीडेंट का सबसे बड़ा प्वाइंट हाइवे का गुरुद्वारा गुरु का ताल चौराहा बन गया है. पिछले साल 2 दिसंबर को यहां हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था. दो ट्रकों के बीच फंसकर एक आटो में छह सवारियों की दर्दनाक मौत हुई थी. कल यानी 12 मार्च को भी यहां एक्सीडेंट में एक महिला की मौत हो गई. पति के साथ बाइक पर जा रही महिला को ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे बाइक सवार महिला सड़क पर गिर गई और ट्रक से एक्सीडेंट में दर्दनाक मौत हो गई.
चौराहा क्रॉस करने में डर, फिर भी सबको जल्दी
गुरु का ताल चौराहा को क्रॉस करने में सबसे ज्यादा डर बना रहता है. हाइवे पर तेज रफ्तार में दौड़ते ट्रक जैसे वाहनों के खतरे के बावजूद बाइक, कार, आटो सवार लोगों को निकलने में यहां बहुत जल्दी होती है. दिन में कई बार ऐसा मौका भी आता है कि छोटे वाहन बड़े वाहनों की चपेट में आने से बच जाते हैं. यहां तैनात यातायात पुलिसकर्मी हाइवे से गुजरने वाले या फिर चौराहा को क्रॉस करने वाले वाहनों को रोकने की कोशिश भी करते हैं लेकिन इसके बाजवूद कई वाहन बीच चौराहे तक आ जाते हैं जिसके कारण हादसे की संभावना बनी रहती है.
कट बंद करने के बाद बढ़ी घटनाएं
कुछ साल पहले कामायनी के सामने एक कट था, जिससे लोग एक तरफ से दूसरी तरफ निकल जाते थे. इस कट को खतरनाक कटों की श्रेणी में डालते हुए एनएचएआई ने बंद करा दिया. इस कट के बंद होने से गुरु का ताल से सिकंदरा चौराहा तक कोई कट नहीं रहा जिसके कारण यातायात का बोझ गुरु का ताल चौराहा और सिकंदरा चौराहा पर हो गया.
हजारों वाहन चलते हैं रॉन्ग साइड
कट बंद होने के कारण हजारों लोग रोजाना रॉन्ग साइड चलते हैं. अगर किसी को शांतिवेद अस्पताल, रेनबो अस्पताल या फिर इस साइड में बसी कॉलोनियां केके नगर आदि जाना है तो वो वाहन गुरुद्वारा गुरु का ताल से ही चौराहे को क्रॉस करके रॉन्ग साइड होकर जाते हैं. उसी तरह इस तरफ से आने वाले लोगों को दूसरी तरफ जाने के लिए रॉन्ग साइड जाना पड़ता है.
यू टर्न और कट खोलने की हो चुकी है मांग
हाइवे पर गुरु का ताल पर बढ़ते हादसों को देखते हुए यू टर्न बनाने और कट खोलने की मांग लंबे समय से की जा रही है. मंडलायुक्त ने खुद यहां का दौरा किया था और इस समस्या जल्द से जल्द समाधान के निर्देश भी दिए थे लेकिन इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है.
ये भी हैं मुख्य कारण
गुरुद्वारा गुरु का ताल पर ट्रैफिक सिग्न्ल्स नहीं हैं. जिससे हाइवे से तेज रफ्तार में आने वाले वाहन चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के रुकने के इशारों के बावजूद अपनी स्पीड को पूरी तरह से रोक नहीं पाते हैं.
दूसरा कारण है स्टॉपेज लाइन का न होना. गुरुद्वारा गुरु का ताल पर दोनों ओर स्टॉपेज लाइन नहीं है. ऐसे में वाहन बिल्कुल चौराहे के नजदीक पहुंचने के बाद ही रुकते हैं. अगर स्टॉपेज लाइन चौराहे से 20—30 मीटर दूर हों तो वाहन चौराहे पर आने से पहले ही रुक सकते हैं.