आगरालीक्स…कम उम्र में ही कलर लगाने से जल्दी बाल हो रहे सफेद. मशहूर कॉस्मेटोलॉजिस्ट नीलम गुलाटी ने बताया क्यों जल्दी उम्र में बाल हो रहे सफेद, डाई और कलर का प्रयोग कितना खतरनाक, बचाव के तरीके भी बताए
राहुल की उम्र 24 साल है। उसके कुछ बाल सफेद हो गए। फिर से जवां दिखने के लिए उसने तमाम कंपनियों के हेयर कलर लगाए, लेकिन यह प्रयास उस पर भारी पड़ा। बचे बाल भी सफेद हो गए। इस तरह के तमाम केस दिल्ली की मशहूर कॉस्मेटोलॉजिस्ट नीलम गुलाटी के गुरुवार को उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में लगाए कैंप में सामने आए।
कॉस्मेटोलॉजिस्ट नीलम गुलाटी ने बताया कि आज कल कम उम्र में बाल ही सफेद हो जा रहे हैं। इस के कई कारण है जैसे प्रदूषण, खानपान और रहन सहन में बदलाव आदि। बालों का सफेद होना बड़ी बात नहीं है। समस्या तब शुरू होती है जब बालों को रंगने की कोशिश की जाती है। कुछ बाल सफेद होने पर अक्सर कुछ लोग डाई या हेयर कलर लगाना शुरू कर देते हैं। डाई और कलर में पैरा अमीनो फिनायलीन डायमीन और अमोनिया होता है। यह सफेद बालों की जड़ों से संक्रमण को सभी बालों में फैला देता है। लिहाजा बचे बाल भी जल्दी सफेद हो जाते हैं। बाजार में उपलब्ध ज्यादातर रंगों में (हेयर डाई) केमिकल्स होता है जिनसे लंबे स्तर समय तक लगाने से नुकसान हो सकता है। ज्यादा समय तक लगाने से कभी-कभी केमिकल्स का रिएक्शन इतना खतरनाक हो जाता है जो जानलेवा साबित होता है।
रिएक्शन से ऐसे करें बचाव
कॉस्मेटोलॉजिस्ट गुलाटी बताती हैं कि सबसे पहले कोशिश करें कि केमिकल रहित हेयर डाई का उपयोग करें। कई फार्मा कंपनी ऐसे हेयर डाई बनाती हैं जो मार्केट में उपलब्ध हैं। दूसरा, डाई लगाने से पहले हमेशा छोटे एरिया में पैच टेस्ट करें। पैच टेस्ट पूरे 24 घंटे पहले करें। यह ऐसी जगह करें जहां त्वचा थोड़ी नाजुक हो जैसे सिर के ऊपरी स्तर पर, न कि गर्दन के पास या कान के पीछे। ध्यान रखें कि पैच टेस्ट हर बार करें, ऐसा भी हुआ है कि वही ब्रांड और शेड कई बार बिना समस्या के प्रयोग करने के बावजूद अचानक रिएक्शन हो गया।