Agra News: Know the time of Moon’s departure on Karva Chauth
आगरालीक्स (20th October 2021 Agra News)… जानिए करवाचौथ का शुभ मुहूर्त और ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा के निकलने का समय. जानिए व्रत के नियम और सावधानियां.
करवा चौथ 24 अक्टूबर रविवार को है। पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि करवा चौथ का पर्व सनातनी हिन्दू शास्त्रो के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना में करवाचौथ का व्रत रखती हैं।
मां गौरी की पूुजा का विधान
पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि करवाचौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है। विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है। करवाचौथ की रात सौभाग्य प्राप्ति के प्रयोग का फल निश्चित ही मिलता है।
करवा चौथ के व्रत के नियम और सावधानियां
इस बार करवाचौथ का ये व्रत हर सुहागिन की जिंदगी संवार सकता है, लेकिन इसके लिए इस दिव्य व्रत से जुड़े नियम और सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि
इस व्रत में क्या करें और क्या ना करें।
केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो, वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं। व्रत रखने वाली स्त्री को काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए। करवाचौथ के दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष फलदायी होता है। करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है। ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए। इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए। पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति भी ये व्रत रख सकते हैं।
करवाचौथ व्रत की उत्तम विधि
करवाचौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि के बारे में जानिए, जिसे करने से आपको इस व्रत का कई गुना फल मिलेगा।
सूर्योदय से पहले स्नान कर के व्रत रखने का संकल्पत लें. – फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी वगैरह ग्रहण करके व्रत शुरू करें। फिर संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें। गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं। भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। श्री कृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं। उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं। मिटटी के करवे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं। करवे दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए। कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए। फिर पति के पैरों को छूते हुए उनका आशीर्वाद लें।
पति को प्रसाद देकर भोजन कराएं और बाद में खुद भी भोजन करें।
ये है समय
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ = 23-10-2021 की रात्रि 03-01मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त = 24-10-2021 की रात्रि 05-43 तक
रविवार को शुभ महूर्त का समय ( पूजा का समय )
शाम 05:46 बजे से लेकर रात 07:02 बजे तक है।
करवा चौथ पूजन मुहूर्त कोरबा 17:29 से 18-44 तक
करवा चौथ पर चंद्रमा के दिखने का समय: रात 8:30 बजे