आगरालीक्स…आगरा के श्रीवरद वल्लभा मंदिर में महागणपति ने सूंड़ पर त्रिशूल धारण कर दिए अलौकिक दर्शन, भगवान की यह शोभा देख भक्त् हुए निहाल. आप भी कीजिए दर्शन
सुबह− शाम मंदिर में गूंजता अर्थवशीर्ष और सहस्त्रनाम का पाठ, भाेर के साथ उठती हवन की सुगंध, दक्षिण भारत का सुगंधित चंदन और इन सब के मध्य अलौकिक श्रंगार से श्रंगारित महागणपति के दर्शन। शब्दों से परे ये शाेभा दृश्यमान हो रही है प्रतिदिन आगरा− फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर की।
श्रीगणेश चतुर्थी के सातवें दिन भक्ताें की आस्था हिलोरे मार रही थी। धानी धाेती और त्रिशूल तिलक के मध्य स्वर्णिम श्रंगार महागणपति की भव्यता को बढ़ा रहा था। मंदिर की ख्याति लगातार इतनी बढ़ चुकी है कि दूर− दूर शहरों से भक्त यहां सेवा करने का सौभाग्य लेकर आ रहे हैं। मंदिर संस्थापक हरिमोहन गर्ग (चैयरमेन एनआरएल ग्रुप) ने बताया कि मंदिर में होने वाले वैदिक हवन को लेकर अन्य जिलों के लोगों में विशेष आकर्षण है। हवन की पद्धति दक्षिण भारतीय परंपरा पर आधारित है।
माना जाता है कि महागणति के मंदिर में हवन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को प्रातः हवन व फल सेवा फरीदाबाद निवासी संजीव कुमार की ओर से की गयी। वस्त्र सेवा मनीष कुमार बंसल, आद्रिता गौतम की ओर से प्रातः गणपति सहस्त्रनाम अर्चना और प्रातः भाेग सेवा, चंद्रवीर सिंह की ओर से हवन व भाेग, सायं गणपति सहस्त्रनाम अर्चना रजत जैमनी द्वारा की गयी। मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में रखे गए 100 किलो के मोदक को देखने के लिए लगातार भक्तों की भीड़ पहुंच रही है।