Agra News: Naraka Chaturdashi is the law of worshiping the god of death Yamaraj…#agranews
आगरालीक्स…नरक चतुर्दशी पर है मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान. अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज जी की होती है उपासना
नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को कहा जाता है। नरक चतुर्दशी को ‘छोटी दीपावली’ भी कहते हैं। इसके अतिरिक्त इस चतुर्दशी को ‘नरक चौदस’, ‘रूप चौदस’, ‘रूप चतुर्दशी’, ‘नर्क चतुर्दशी’ या ‘नरका पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी के दिन संध्या के पश्चात दीपक प्रज्जवलित किए जाते हैं। इस चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज जी की पूजा व उपासना की जाती है।ध्यान रहे इस वर्ष छोटी एवं बड़ी दीपावली 24 अक्टूबर के दिन ही मनाई जाएगी परन्तु यम के लिये दीप दान एक दिन पहले ,23 अक्टूबर की रात्रि में और अभ्यंग स्नान 24 अक्टूबर प्रातः ही मान्य ही होगा।
दीपावली के दिन घरों में होने वाले हनुमान जी बजरंगबली की पूजा प्रातः 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे के बीच 24 अक्टूबर सोमवार को ही होगी आज के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से मनुष्य नरक के भय से मुक्त हो जाता हैपद्मपुराण में लिखा है जो मनुष्य सूर्योदय से पूर्व स्नान करता है, वह यमलोक नहीं जाता है अर्थात नरक का भागी नहीं होता है। नरक चतुर्दशी को तिल्ली के तेल में लक्ष्मी जी तथा जल में गंगाजी का निवास होता है।नरक चतुर्दशी को सूर्यास्त के पश्चात अपने घर व व्यावसायिक स्थल पर तेल के दीपक जलाने चाहिए तेल की दीपमाला जलाने से लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है ऐसा स्वयं भगवान विष्णु ने राजा बलि से कहा था।
भगवान विष्णु ने राजा बलि को धन-त्रियोदशी से दीपावली तक तीन दिनों में दीप जलाने वाले घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास का वरदान दिया था। 22/23अक्टूबर 2022 दिन रविवार/सोमवार छोटी दीपावली,नरकचतुर्दशी पर यम दीपदान घर के मुख्य द्वार पर जलने वाला दीपक 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन शाम के समय प्रदोष काल में साँय 05:30से 08:30 के बीच मे (23 अक्टूबर दिन रविवार सांय 6:03 से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी जिसमें छोटी दीवाली की पूजा करना लाभकारी रहेगा चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर दिन सोमवार सांय 5:27 तक मान्य होगी इसके बाद अमावस्या तिथि श्री महालक्ष्मी पूजा दीपावली का उत्सव प्रारंभ हो जाएगा )अतः घर का मुखिया एक थाली में चने की दाल, खील बतासे धूपबत्ती 1 घंटी में पानी सरसों का तेल का दीपक और ₹1 का सिक्का लेकर दीपक जलाते हैं जला हुआ दीपक रखने के बाद धूपबत्ती चलाएंऔर मंत्र “ओम धूमं धूमं धूमावती स्वाह” की एक माला जाप करते हैं माता धूमावती (दरिद्रताकी देवी) से यह प्रार्थना करते हैं कि हे माता हमारे घर, परिवार, कारोवार से पूरे साल दरिद्रता, रोग, दोष, बुरी नजर का नाश हो यह मनोकामना इच्छा करके लोटा, ग्लास में जल भरकर घर के मुख्य द्वार चौखटो पर चढ़ा कर वापस घर में प्रवेश कर जलतीधूप बत्ती दीपक को नाली के किनारे (मैनगेट) पर रखते हैं ऐसा करने से पूजा करने वाले घर परिवार में वर्ष भर माता धूमावती की कृपा बनी रहती है,हमारे देश में सनातनी हिंदू लोगों के दोपहर में या दीपावली के दिन दिन में जो हनुमान जी की पूजा होती है वह सोमवार 24 तारीख को प्रातः 6:30 से लेकर दोपहर 12:00 बजे के बीच मैं करना अत्यंत अशुभ फलदायक माना जाएगा इससे घर में किसी भी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी भूत प्रेत या जादू टोने भयडर हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाता है परिवार में हर तरह की खुशहाली और उन्नति महसूस होती है इसमें प्रसाद के रूप में चूरमा बनाकर भगवान जी का भोग लगाकर प्रसाद बांटा जाता है या पूरी बताशो को आपस में रगड़ा कर मिलाकर उसका चूरमा बनाया जाता है जिसे प्रसाद के रूप मै भोग लगाया जाता है बांटा खाया जाता है।
🔥दीपक जलाना पूजा करने का सर्वोत्तम समय प्रदोष काल में माना जाएगा
🌷सॉय. 05:30से रात्री08:30तक
🍁इस समय विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार गोधूलि की बेला और प्रदोष काल दोनो का समावेश होगा जो किसी भी कार्य के लिए सर्वोत्तम है” लाभ” चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध जिसमें पूजा करने वाले जातको को हर प्रकार की लाभ और उन्नति प्राप्त होगी
💥प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य)परमपूजय गुरुदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष) श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250