आगरालीक्स…आगरा की कई पेपर पैकेजिंग इंडस्ट्री बंदी की कगार पर हैं. क्योंकि कागज और कच्चे माल पर तेजी अनियंत्रित है. केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से मिले आगरा की एसोसिएश के पदाधिकारी…तीन कारण भी बताए
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से गुरुवार को आगरा पेपर पैकिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय विधि एवम न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के साथ दिल्ली में उद्योग भवन पर मुलाकात की और इन इकाईयों की बदहाल स्थिति से अवगत करवाया कि किस प्रकार बेलगाम तेजी इन उद्योगों की कमर तोड़े दे रही है.
व्यापारियों ने बताया कि बीते 3 माह में 50 फीसदी तेजी पेपर के दामों में आ चुकी है जो कि निरंतर जारी है. कोरोना काल के पहले के दामों के अनुसार तो अब दाम दोगुने से भी ज्यादा हो चुके हैं. इसके कारण लघु उद्योगों से जुड़ी इकाइयां बंदी की कगार पर पहुंच चुकी हैं और अपने आप को दिवालिया घोषित करने को मजबूर हैं. व्यापारियों ने इसके तीन कारण भी बताए…
- यह जो लघु इकाइयां हैं , यह निर्यात में प्रयोग होने वाली पैकेजिंग से संबंधित है. इसलिए इन इकाइयों के मूल्य एक समय सीमा के लिए निर्धारित होते हैं, लेकिन कागज के दाम हर दिन बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से वस्तु का मूल्य निर्धारित नहीं किया जा सकता और माल अपनीलागत से कम में देने में बाध्य हैं.
- इस अस्थिरता के कारण कागज मिलें जो कि कोरोना काल से पहले उधार देती थीं वह अब एडवांस भुगतान के बाद भी माल की पूर्ति नहीं कर पा रही हैं.
- पूर्व में कोरूगेटड बॉक्स पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत थी लेकिन इस समय जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि पेपर पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत ही है. इसके कारा 6 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ इन इकाइयों पर पड़ा है.
व्यापारियों ने ये भी बताया कि कोरोना काल से पहले जो पैकिंग मैटेरियल विदेशों से आयात होता था उनके कंटेनर भाड़े मे बेहिसाब वृद्धि होने से ये ऑर्डर देश मे स्थान्तरित हुए लेकिन कागज में आई बेलगाम एव निरंतर तेजी के कारण ये इकाईयां इन ऑर्डर को सप्लाई करने में असमर्थ हो रही जिससे यह ऑर्डर फिर से विदेशों की ओर अग्रसर हो रहे है.
कागज उत्पादकों के अनुसार कच्चा माल भरपूर मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिससे कुछ मिले बंद हो गई हैं. जो खुली हैं वह मुंह मांगे रेट वसूल रही हैं इसलिए इसमें तुरंत हस्तक्षेप करके इन इकाईयां संजीवनी देने की आवश्यकता है.
ये लोग रहे शामिल
केंद्रीय मंत्री को इस पर एक ज्ञापन भी प्रतिनिधि मंडल मे शामिल अध्यक्ष प्रदीप पुरी, महामंत्री बंटी ग्रोवर, कोषाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, मंत्री प्रवीण तलवार एवम गुड्डू बंसल ने सौंपा. इस पर केंद्रीय मंत्री ने लघु उद्योग मंत्री, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से वार्ता कर इसके समाधान का भरोसा दिलवाया.