Agra News: Presentation of Sanskrit drama Karmasya Phalam at DEI, Agra…#agranews
आगरालीक्स…आगरा के डीईआई में संस्कृत नाटक कर्मस्य फलं की शानदार प्रस्तुति दी गई. तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव कल भी चलेगा…
दयालबाग एजुकेशनल इन्स्टीट्यूट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी आगरा में 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक तीन दिवसीय वार्षिक नाट्य महोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है। महोत्सव के दूसरे दिन इन्स्टीट्यूट के अभियांत्रिकी संकाय के विद्यार्थियों द्वारा मीडिया (अंग्रेजी) तथा शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों द्वारा कर्मस्य फलं (संस्कृत) नाटक का मंचन किया गया। अभियांत्रिकी संकाय द्वारा प्रस्तुत किये गये ग्रीक नाटक मीडिया के माध्यम से मीडिया के जीवन की त्रासदी दिखाई गयी। प्रस्तुत नाटक में मीडिया अपने विश्वासघाती पति जेसन से बदला लेती है तथा नारीवादी दृष्टिकोण के नये प्रतिमान स्थापित करती है। वही शिक्षा संकाय द्वारा प्रस्तुत किये गए संस्कृत नाटक कर्मस्य फलं द्वारा महाराज चित्रकेतु की कथा दर्शायी गयी। प्रस्तुत नाटक में महाराज चित्रकेतु की पुत्र प्राप्ति की अत्यधिक लालसा देखकर ऋषि अंगिरस उन्हें समझाते हैं कि पुत्रहीन तथा पुत्रवान दोनों ही दुखी है, जो सुख है वह भी क्षणिक है। महाराज चित्रकेतु के बार-बार अनुनय-विनय करने पर ऋषि अंगिरस ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। पुत्र जन्म के बाद महाराज प्रजा के प्रति अपने कर्तव्यों से विमुख होकर रात-दिन अपने पुत्र के साथ समय बिताने लगे। कालांतर में पुत्र की मृत्यु हो जाती है। पुत्रशोक में डूबे हुए महाराज को देव ऋषि समझाते है कि पुत्रमोह केवल मन का भ्रम है सबकुछ बस परमात्मा ही है। जो माता पिता अपने पुत्र को पुत्री को इस जन्म में सुसंस्कारी नहीं बनाते, अगले जन्म में उनके घर शत्रु पुत्र पैदा होते हैं। संतान का सुख भी अपने ही कर्मों के अनुसार मिलता है।
नाटक द्वारा दिखाया गया कि व्यक्ति के कर्म ही उसके सुख-दुख का कारण बनते हैं। नाट्य महोत्सव का संयोजन डॉ. सोनल सिंह, डॉ. दयाल प्यारी सिन्हा एवं डॉ. नंदिनी रघुवंशी ने किया।कार्यक्रम का संचालन कला संकाय की छात्रा सदफ़ इश्त्याक एवं सुगंधा खेड़ा के द्वारा किया गया। नाट्य महोत्सव के सफल आयोजन में कला संकाय के डॉ. प्रेम शंकर सिंह, डॉ. लौलीन मल्होत्रा, डॉ. नमिता भाटिया, डॉ. शोभा भारद्वाज, डॉ. पूजा, डॉ. रंजना पांडेय आदि का सहयोग रहा।