Agra News: Rakshabandhan is on 19th, the auspicious time to tie Rakhi is from noon. Know Bhadra time and auspicious time of Rakhi…#agranews
आगरालीक्स…रक्षाबंधन 19 को, सुबह से लग रही भद्रा. राखी बांधने का शुभ समय दोपहर से. जानें भद्रा समय और राखी का शुभ मुहूर्त (Rakshabandhan Shubh muhurth)
भाई बहन के पावन रिश्ते का त्योहार रक्षाबंधन हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा युगों युगों से मनाया जा रहा है इस त्योहार के माध्यम से भाई बहन के बीच आपसी जिम्मेदारी और स्नेह में वृद्धि होती है। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। (Rakshabandhan 2024)
भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा 19अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि रात्रि 11:55मिनट तक है इस दिन अशुभ भद्रा तिथि दोपहर 1:29 तक है जिसमें रक्षाबंधन श्रावणी उपक्रम रक्षाबंधन और होलिका दहन विशेष रूप से निषेध माना जाता है अतः माताएं बहने भद्रा उपरांत ही अपने भाइयों के हाथ पर रक्षा सूत्र राखी बांधे।
रक्षाबंधन शुभ समय
रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है जिस दिन पूर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ रही हो। हालाँकि आगे दिए इन नियमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्ण काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्ण काल में करने चाहिए। लेकिन यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं। यद्यपि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्ण काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, इसलिए वहाँ आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो। ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है। (bhadra time on Rakshabandhan)
ज्योतिष पंचांगों के अनुसार पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 18 अगस्त 2024 की रात्रि 03:04 बजे से होगा। और पूर्णिमा तिथि का समापन 19 अगस्त की रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। इस बार अशुभ भद्रा 19 अगस्त 2024 की दोपहर 1 बजकर29 मिनट तक रहेगी इसके बाद भद्रा मुक्त समय होने से रक्षाबंधन संपन्न किया जाएगा। हम अपने देश भारतवर्ष में अधिकतर हिंदू सनातनी त्योहारों को सूर्योदय के अनुसार मानते चले आ रहे हैं तो यह भारतवर्ष का प्रमुख त्यौहार है भाई बहनों का अटूट रिश्ते का त्यौहार है श्रावणी उपक्रम रक्षाबंधन 19 अगस्त दिन सोमवार को ही भद्रा उपरांत सर्वसम्मति से मनाना चाहिए जो उचित भी है। (Rakshi shubh time on rakshabandhan)
क्या है भद्रा
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से होता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में, भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उसे कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टी करण रखा गया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया। इसलिये इस बार भद्रा का साया समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन अनुष्ठान किया जाता है।
रक्षाबंधन अनुष्ठान का शुभ मुहूर्त— सोमवार 19अगस्त कि दोपहर 01 बजकर45 मिनट से शाम 07बजकर 45 बजे तक रहेगा।
रक्षाबंधन के दिन अशुभ भद्रा दोपहर 01:29 मिनट तक रहेगी इसके बाद दोपहर 1:45 से 7:45 तक रक्षाबंधन श्रावणी उपक्रम करने का अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाएगा।
रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार इस बार 19अगस्त यानि सोमवार के दिन है। वहीं इस पावन पर्व पर विशेष योग भी बन रहे हैं। दरअसल पूर्णिमा तिथि श्रवण नक्षत्र शोभन योग लग रहा है। वैदिक ज्योतिष में शोभन योग बनने से आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और आपके रूके हुए काम पूरे हो जाएंगे। नौकरीपेशा वालों को कार्यक्षेत्र में उन्नति और पारितोषिक भी मिल सकता है। इसलिए यदि आप किसी शुभ काम को इस योग में शुरू करते हैं तो काफी उत्तम रहता है।
चौघड़िया अनुसार राखी बांधने का शुभ समय
दोपहर 01:45 से सांयकाल 07:45 तक उद्देग,चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा जो हर तरह से शुभ माना जाएगा इस शुभ समय में हमारी माता या बहाने अपने भाई के हाथ पर रक्षा सूत्र रक्षाबंधन( राखी) बांध सकती हैं जिससे उन्हें हर प्रकार से लाभ उन्नति और समृद्धि प्राप्त होगी।
रक्षाबंधन के विशेष उपाय
यदि आप बहनो का कोई भाई ज्यादा बीमार रहता हो या किसी अन्य परेशानी में हो तो निम्न उपाय करना चाहिए।
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने से ठीक पहले अपनी दायीं मुट्ठी में पीली सरसों (1चम्मच) व 7 लोंग लेवे।
उस सामग्री को भाई के ऊपर से एन्टी क्लॉक वाइज 27 बार लगातार उल्टा उसार देवे। फिर उसी वक्त उस सामग्री को गर्म तवे पर डाल कर ऊपर से कटोरी उल्टी रखे। जब सारी सामग्री काले रंग की हो जाये तब नीचे उतार लेवे व चौराहे पर किसी से फिकवां देवे। खुद नही फेके।
ध्यान रहे सरसो व लोंग आपको अपने घर से लेकर जाने है यदि आप शादी सुदा है तो । अन्यथा खुद ही बाजार से नए खरीदे। घर के काम मे नही लेवे। उपाय के बाद तवे को भी अच्छे से धो लें सरसो उसरने के बाद ज्यादा देर घर मे ना रखें तुरंत बाहर ले जाएं।
इस उपाय को राखी के दिन ही करना है। पुनरावृत्ति न करे।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250