Agra News: Sale of pan milk increases in Agra in winter, know the rate…#agranews
आगरालीक्स...कड़कड़ाती ठंड में दूध की कड़ाही और हाथ में गरमा-गरम दूध का कुल्हड़, कमेंट बाॅक्स में बताएं आपको कहां का स्वाद है पसंद ? जानें इस समय कड़ाही के दूध का रेट
आगरा में कड़कड़ाती ठंड में दूध की कड़ाही और हाथ में गरमा-गरम दूध का कुल्हड, आम तौर पर लोग मानते हैं कि अब यह माहौल कम ही देखने को मिलता है। शहर में कुछ साल पहले लगभग हर चैराहे, गली या नुक्कड़ पर दूध की कड़ाही लगती थी लेकिन फिर यह संख्या घटती गई। पहले सर्दी के मौसम में कुल्हड़ का दूध पीने के लिए शहर वासियों की भीड़ दुकानों पर लग जाया करती थी। शाम के समय लोग घूमने निकलते थे तो कड़ाही का दूध पीकर ही घर लौटते थे लेकिन फिर युवा पीढ़ी का रूझान कम होता गया और धीरे-धीरे यह परंपरा कम होती गई। हालात यह हुए कि दो-चार साल पहले तक कड़ाही वाला दूध मानो गुजरे जमाने की बात थी, लेकिन पिछले दो से चार सालों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पुराने बाजारों से लेकर अब शहर के नए हिस्सों और प्रतिष्ठित मिष्ठान विक्रेताओं के यहां शाम छह बजे के बाद दूध की कड़ाही सज रही हैं और युवाओं के कदम थम रहे हैं। मनकामेश्वर मंदिर के पास, दरेसी, रावतपाड़ा में, बल्केश्वर में शांति स्वीट और ठाकुर जी मिष्ठान भंडार, राजा की मंडी, गोपालपुरा बाजार में 250 से 300 एमएल दूध 35 से 40 रूपये की कीमत में उपलब्ध है। वहीं एमजी रोड स्थित देवीराम स्वीट्स पर 250 एमएल दूध 50 रूपये में जबकि भगवान टाॅकीज स्थित बीकानेर वाला पर 300 एमएल दूध 100 रूपये की कीमत में उपलब्ध है।
कड़ाही के दूध की सोंधी महक से फिर वाकिफ
पिछले कुछ सालों में हुए बदलाव का असर है कि भट्टी की धीमी आंच पर लोहे की कड़ाही में पकते दूध की सोंधी महक से आगरा के लोग एक बार फिर वाकिफ हो रहे हैं। शहर के तमाम गली-मोहल्ले, चैराहों के साथ ही शहर के प्रमुख मिष्ठान विक्रेताओं के यहां शाम छह बजे के बाद कड़ाही सज रही है।
पिस्ता, बादाम, काजू, केसर खींच लाए
किसी जमाने में इस दूध को धीमी आंच पर घंटों तक उबाले जाना ही काफी होता था, लेकिन अब बदलाव का असर है कि इसके साथ-साथ पिसे हुए बादाम, पिस्ता, काजू और केसर से बनाया गया कढ़ाई वाला दूध आकर्षित करने लगा है।
खुद को गर्म करने के लिए ठहर रहे कदम
सर्दी की ठंडी हवा का आनंद और फिर खुद को गर्म करने के लिए कड़ाही को देखकर लोगों के कदम ठहरने लगे हैं। बडे़-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी हाथ में गरमा-गरम दूध का कुल्हड़ लेकर बतियाते नजर आ रहे हैं।
कैसे बनता है यह दूध
इस दूध को चौड़े तले वाली कडाही में उबाला जाता है और लगातार चलाया जाता है ताकि जलने से बचाया जा सके। इसका सबसे अच्छा आनंद कुल्हड़ में लिया जाता है ऊपर से एक चम्मच मलाई डाली जाती है और मेवों से सजाया जाता है।