Agra News: Ekadashi Udyapan ceremony of Shri Banke Bihari Satsang
Agra News : Settlement between railway, Temple trust & other stake holder’s for Raja Ki Mandi Railway Station, Agra land use #agranews
आगरालीक्स …..आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन से मंदिर को हटाने के लिए दिए नोटिस का अंतिम दिन सेंट्रल रेलवे, मंदिर, कलेक्टर आगरा और आगरा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के बीच 23 फरवरी 1953 को समझौता हुआ था, रेलवे ने माना था कि मंदिर को छुआ नहीं जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट में दस्तावेजों के हवाले से कहा गया है कि 1956 में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन होटल महाराष्ट्र मंडल से वर्तमान में जिस जगह है वहां शिफ्ट हुआ था। इसे शिफ्ट करने के लिए जमीन की अदला बदली करते हुए समझौता किया गया था।
ये हुआ था समझौता
23 फरवरी 1953 को सेंट्रल रेलवे, माहेश्वरी मंदिर , कलेक्टर आगरा और आगरा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के बीच समझौता हुआ। इसमें स्पष्ट किया गया कि वर्तमान में मां चामुंडा देवी मंदिर, यह दस्तावेजों में माहेश्वरी मंदिर के नाम से दर्ज है। देवी मंदिर के चबूतरे से प्लेटफार्म की ओर 39.25 3 फुट जमीन खुशी से रेलवे को दी जा रही है। रेलवे बदले में उतनी जमीन पश्चिम की ओर देगा। मंदिर प्रबंधन ने लिखकर दिया कि मंदिर को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। जिस शक्ल में मंदिर है वैसा ही रहेगा। देवी मंदिर को शिफ्ट करने के लिए तैयार नहीं है। मंदिर प्रबंधन की ओर से तब घासीराम पुत्र जौहरी भगत, कुंदन राम पुत्र पुष्मेदा, बालू सिंह पुत्र नारायण सिंह, ओम प्राकश पुत्र चुन्नी, धनवान पुत्र रामचंद्र, कन्हैयालाल और बाबूलाल पुत्र शिवलाल ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के बाद एडीएम ने डीएम को पत्र लिखकर 31 अगस्त 1954 को कहा कि रेलवे ने समझौता मान लिया है और माहेश्वरी मंदिर को छुआ नहीं जाएगा। मंदिर को हटाने की जरूरत नहीं है। समझौते की शर्तों को हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया है। तीन अधिकारियों के भी हस्ताक्षर हैं।
मंदिर है पुराना, रेलवे स्टेशन बाद में हुआ शिफ्ट
30 अगस्त 1904 को रेलवे ने आगरा दिल्ली रेलवे ट्रैक पर राजा की मंडी स्टेशन के लिए जमीन मांगी थी, 24 अगस्त 1905 को राजा की मंडी रेलवे स्टेशन प्रस्तावित किया गया, इसके लिए 2.7 एकड़ जमीन ली गई। फिर 0.409 एकड़ जमीन अतिरिक्त अधिग्रहित की गई। 10 अगस्त 1906 को राजा की मंडी स्टेशन के नाम की अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में लिखावट को मंजूरी दी गई। किदवई पार्क से आगरा कैंट की तरफ जाने वाले हिस्से में होटल महाराष्ट्र मंडल के पास राजा की मंडी रेलवे स्टेशन बना। इसके 50 साल बाद टूंडला आगरा रेलवे लाइन के कारण संचालन संबंधी समस्याओं को देखते हुए 1956 में राजा की मंडी स्टेशन को जो कि वर्तमान जगह पर है वहां शिफ्ट किया गया।
आज नोटिस हो रहा खत्म, डीआरएम ने कहा वार्ता के बाद निकलेगा रास्ता
राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को विस्तार देने, जिससे कि ट्रेनों की गति बढ़ाई जा सके, इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने मंदिर प्रबंधन को 20 अप्रैल को नोटिस दिया गया था। इसमें कहा गया कि 72 मीटर जमीन से मंदिर को हटाया जाए, 10 दिन का नोटिस का समय 30 अप्रैल को खत्म हो रहा है। डीआरएम आनंद स्वरूप का मीडिया से कहना है कि इस समस्या का समाधान सभी पक्षों से सम्मानजनक वार्ता के माध्यम से निकाला जाएगा।