Agra News: STF’s eyes on the property of close relatives of Prof Vinay Pathak…#agranews
आगरालीक्स…आगरा विवि के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक पर और शिकंजा कसा. एसटीएफ खंगाल रही इनके करीबियों की संपत्ति का ब्योरा
कमीशन के खेल में घिरे डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक पर लगातार शिकंजा कसता ही जा रहा है. एसटीएफ ने अब उनके करीबियों की भी संपत्ति खंगालने का काम शुरू कर दिया है. प्रो. पाठक के करीब दस करीबियों पर एसटीएफ की निगाह है. इनमें से कइयों की संपत्ति को खंगाला गया है तो कई अभी और एसटीएफ की जांच के जद में है.
एसटीएफ लखनऊ और आगरा यूनिट मामले की जांच
कमीशन के खेल में फंसे प्रो. विनय कुमार पाठक और उनके करीबी अजय मिश्राके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. एसटीएफ की जांच में अब उनके करीबी हैं. एसटीएफ सभी के संपत्ति की जांच कर रही है, क्योंकि इनके रहनसहन में काफी बदलाव देखा गया है और ये सभी विवि में महत्वपूर्ण कार्यों को भी देख रहे थे. सभी बड़े निर्णयों में इनकी भूमिका की भी होती थी. एसटीएफ को आशंका है कि इन सभी की भी कमीशन के खेल में भूमिका हो सकती है. इसके बारे में जानकारी की जुटाई जा रही है.
आगरा के आंबेडकर विवि में 2014 15 से परीक्षा के पूर्व और बाद का काम डिजीटेक्स टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। विवि के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक जो कि वर्तमान में छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर के कुलपति हैं, इनके खिलाफ कंपनी के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने इंदिरानगर, लखनऊ के थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
कंपनी का भुगतान कराने के एवज में 1.41 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप
डिजीटेक्स टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने आरोप लगाया है कि 2019 20 और 2020 21 में यूपीएलसी के माध्यम से आंबेडकर विवि, आगरा का प्री और पोस्ट परीक्षा का कार्य कराया गया, इसका भुगतान लंबित था। आरोप है कि प्रो. विनय पाठक ने कंपनी का बकाया भुगतान कराने के लिए अपने कानपुर स्थित आवास पर बुलाया। जनवरी, अप्रैल और एक सितंबर 2022 को भुगतान कराने के एवज में अपने साथी एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्र के माध्यम से तीन बार में 1.41 करोड़ रुपये की कमीशन लगी।
दूसरी कंपनी को काम देने से खुला मामला
आरोप है कि आंबेडकर विवि की नई कुलपति आंशु रानी के ज्वाइन करने के बाद भी प्रो. विनय पाठक ने कमीशन के रुप में 10 लाख रुपये मांगे, मना करने पर जान से मारने की धमकी दी कहा कि आगे काम नहीं मिलेगा। अजय मिश्र के माध्यम से आंबेडकर विवि आगरा का काम यूी डेस्को के जरिए दूसरी कंपनी को दिलवा दिया गया।