Agra News: Melting winter in Agra. The temperature reached 6
Agra News: Swami Rambhadracharya Maharaj narrated the description of Sita-Ram marriage, then chants of Jai Shri Ram echoed in Agra…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में श्रीराम कथा में हुआ श्रीराम विवाह. स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने सुनाया सीता—राम विवाह का वर्णन तो गूंजे जय श्री राम के जयघोष
चित्रकूट धाम बने कोठी मीणा बाजार पर जय श्रीराम सेवा समिति की ओर से चल रहे श्री राम कथा महोत्सव के छटवें दिन पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने सीता राम विवाह का वर्णन किया। सीता स्वयंवर में धनुष तोड़ने के प्रसंग को श्रद्धालुओं को विस्तार से श्रवण कराया। सीता जी का नाम नारद जी ने सीता रखा था। जो सबको जन्म देती है वो सीता है, जो सबका पालन करती है वो सीता है, जो दुष्टो का संहार करती हैं उसका नाम सीता हैं।
सीता जी का स्वयंवर
जनक जी ने प्रतिज्ञा कर ली थी की जो शिव जी के धनुष को तोड़ेगा उस बलवान और प्राकर्मी से ही अपनी जानकी का विवाह करूंगा। सब जगह स्वयंबर की सूचना जनक जी ने दे दी दूर-दूर से लोग आए । वहां रावण भी आया जिसमें कैलाश कोई उठा लिया था एक हजार हाथ वाला बाबा सुलाया बाबा सुन धनुष कुछ हुआ नहीं काम कर लिया रावण धन उसको छू लिया। आज आज राम जी के विवाह के करोड़ 80 लाख हजार वर्ष बीत गए है। दशरथ पुत्र राम जी री आ गए मिथिला के लोगों ने देखने आई कि आज हमारे परमेश्वर आए हैं। रामजी ने लक्ष्मण जी से कहा कि मैंने मन विश्वास कर लिया और मैं सपने में भी किसी और की बारे में नहीं सोचा मुझे सीता से ही विवाह करना है यह सीता सुन रही थी और उन्होंने कहा कि प्रभु आपकी ही विजय होगी। उसके बाद घोषणा हुई सब ने धनुष उठाने की कोशिश की पर कोई भी धनुष को खिला भी नहीं सका। तब जनक जी ने दुखी होकर स्वयंवर विश्राम की घोषणा कर दी इसपर लक्ष्मण को क्रोध आ गया उसने क्रोध से भूचाल आ गया। इस पर रामजी का विवेक धन है उन्होंने लक्ष्मण को संकेत किया तो लक्ष्मण बोले आपका अपमान किया है जंग जी ने उन्होंने बोला कि धरती वीरविहीन है।
गुरु की आज्ञा से तोड़ा धनुष
तब राम जी ने कहा कि इसमें मेरा कैसे अपमान हुआ। मैं तो रघुवीर हूं जनक जी ने रघुवीर तो नहीं कहा फिर मेरा अपमान कैसे हुआ। शंकर जी का धनुष तोड़ने के लिए जैसे ही गुरुदेव का संकेत हुआ। उनकी आज्ञा लेकर रामजी ने गुरुदेव विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ और शंका जी को प्रणाम कर धनुष को उठा लिया। धनुष को ह्रदय के मध्य में लाकर तोड़ दिया। उसके बाद सीता जी ने सबके सामने झुक कर प्रभु श्री राम के गले में वरमाला दाल दी और पूरा प्रांगण जय श्री राम के जय घोष से गूंज उठा।
इनके घर हुआ आगमन
अब तक पूरन डावर, दीपांशु कुमार, गौरव बंसल और धनकुमार जैन के घर महाराज जी पधार चुके है वही, अगला आगमन प्रो. रामशंकर कठेरिया और केशव अग्रवाल के निवास पर होगा।
इन कार्यक्रमों में लिया हिस्सा
शनिवार को कथा से पूर्व हिंदुस्तान कॉलेज के नजदीक पीपी टाउन स्थित लुई बेल दृष्टि बाधित कॉलेज में के एल गर्ग की स्मृति में आयोजित हुए कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। दोपहर 12 बजे कीठम स्थित सुरकुटी दृष्टि बाधित विद्यायलय में विद्यार्थियों से भेट कर उनका उत्साह बढ़ाया। उसके बाद स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज वृंदावन के लिए अपने उतराधिकारी रामचंद्र और शिष्यों के साथ प्रस्थान कर गए।
ये रहे छटवे दिन के यजमान
मुख्य यजमान धनकुमार जैन, शालिनी जैन रहे। दैनिक यजमान में हरि नारायण चतुर्वेदी, शकुन बंसल, राजेश गुप्ता, संजय गुप्ता, राजीव जयराम, अर्पित मित्तल, अमित गुप्ता, मनीष बंसल और नवल शर्मा रहे। शनिवार की प्रसादी वितरण की व्यवस्था मोहनलाल की रही।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य आयोजक सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया, डा. मृदुला कठेरिया, मध्य प्रदेश के वन राज्यमंत्री धनश्याम पेरोनिया, केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, राज्यमंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विधायक छोटेलाल वर्मा, पक्षालिका सिंह भदावर, विधायक टुंडला प्रेमपाल सिंह धनगर, राकेश गर्ग, डा. वीना लवानिया, श्याम भदौरिया, रामसकल गुर्जर, प्रेमचंद अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, एड.अरविंद गुप्ता, दुष्यंत सारस्वत, शंभू कठेरिया, स्वदेश वर्मा, केशव अग्रवाल, सुशीला चौहान, अजय अवागढ़, आलोक जैन, पीयूष सिंघल, राकेश अग्रवाल, अनमोल अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, ममता शर्मा, निधि बंसल, रजनी अग्रवाल, रिचा जैन आदि मौजूद रहे।