Agra News: Melting winter in Agra. The temperature reached 6
Agra News: There is a break on weddings from 16 December to 14 January…#agranews
आगरालीक्स…16 दिसंबर से एक महीने के लिए नहीं बजेंगी शहनाइयां. शादियों पर लगेगा ब्रेक, ब्रेक के बाद फिर से ‘बैंड बाजा बारात’ अगले साल के भी मुहूर्त जानें
देवोत्थान एकादशी से शुरू हुए मांगलिक कार्यों खासकर शादियों पर एक महीने का ब्रेक लगने जा रहा है. 15 दिसंबर से शुक्र अस्त हो रहे हैं. इससे 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास लग जाएगा और वैवाहिक कार्य नहीं हो सकेंगे. खरमास समाप्त होने ही 15 जनवरी से नये साल 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे और फिर से आगरा की सड़कों पर बैंड बाजा बारात के नजारे नजर आएंगे.
जनवरी 2024 में विवाह के 11 दिन मुहूर्त
फरवरी 2024 में भी विवाह के 11 दिन मुहूर्त
मार्च में 10 दिन सहालग
अप्रैल में पांच दिन विवाह के मुहूर्त
खरमास को अशुभ मानने के कारण
एक बार सूर्य देवता अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। इस दौरान उन्हें कहीं पर भी रूकने की इजाजत नहीं थी। यदि इस दौरान वो रूक जाते तो जनजीवन भी ठहर जाता। परिक्रमा शुरू की गई लेकिन लगातार चलते रहने के कारण उनके रथ में जुते घोड़े थक जाते हैं। और घोड़ों को प्यास लग जाती है। घोड़ों की उस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव को उनकी चिंता हो गई। और वो घोड़ों को लेकर एक तालाब के किनारे चले गए। ताकि घोड़ों को पानी पिला सकें। लेकिन उन्हें तभी यह आभास हुआ कि अगर रथ रूका तो अनर्थ हो जाएगा। क्योंकि रथ के रूकते ही पूरा जनजीवन भी ठहर जाता। लेकिन घोड़ों का सौभाग्य ही था कि उस तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे। और खर गधे को कहा जाता है। भगवान सूर्यदेव की नजर उन गधों पर पड़ी और उन्होंने अपने घोड़ों को वहीं तालाब के किनारे पानी पीने और विश्राम करने के लिए छोड़ दिया। और घोड़ों की जगह पर खर यानि गधों को अपने रथ में जोड़ लिया। लेकिन खरों के चलने की गति धीमी होने के कारण रथ की गति भी धीमी हो गई। फिर भी जैसे तैसे एक मास का चक्र पूरा हो गया। उधर तब तक घोड़ों को काफी आराम मिल चुका था। इस तरह यह क्रम चलता रहता है। और हर सौर वर्ष में एक सौर मास खर मास कहलाता है। जिसे मलमास के नाम से भी जाना जाता है।
खरमास के उपाय
खरमास के महीने में पूजा-पाठ धर्म-कर्म, मंत्र जाप, भागवत गीता, श्रीराम की कथा, पूजा, कथावाचन, और विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
दान, पुण्य, जप, और भगवान का ध्यान लगाने से कष्ट दूर हो जाते हैं।
इस मास में भगवान शिव की आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है।
शिवजी के अलावा खरमास में भगवान विष्णु की पूजा भी फलदायी मानी जाती है।
खरमास के महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर तांबे के लोटे में जल, रोली या लाल चंदन, शहद लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। ऐसा करना बहुत शुभ फलदायी होता है।