Agra News: University in Agra honored the transgender community. Disabled people showed their fashion skills by catwalk on the ramp…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में विवि ने किया किन्नर समाज का सम्मान. दिव्यांगों ने रैंप पर कैटवॉक कर दिखाया फैशन का जलवा…
उमंग, उत्साह और उल्लास से सराबोर जब दिव्यांगों ने रैंप कैटवॉक किया तो आगरा विश्विधालय का पूरा संस्कृति भवन तालियों की गरगराहट से गूंज उठा। दिव्यांगों का आत्मविश्वास एक-एक के लिए प्रेरणात्रोत बन कर उभरा। ये अवसर था डॉ भीमराव आम्बेडकर विश्विधालय के सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज़ और रिवाज संस्था द्वारा दिव्यांगों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक पहल कर उन्हें सम्मानित करते हुए अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का जिसमें संकल्प नाम से भारतीय वेशभूषा का फैशन शो और कर्मयोगी पुरस्कार समारोह का। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि. की कुलपति प्रो. आशु रानी, किन्नर समाज से महामंडलेश्वर मयूरी नंदगिरी, संजना नंदगिरी और पार्वती नंदगिरी, विश्वविद्यालय सामुदायिक रेडियो की कार्यक्रम अधिशासीऔर जनसम्पर्क अधिकारी पूजा सक्सेना, रिवाज़ संस्था की अध्यक्षा मधु सक्सैना, सुनील स्वतंत्र कुमार और स्वेता वार्ष्णेय ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रवन्जलन कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भूमि गोयल की आकर्षक नृत्य प्रस्तुति से हुई। पहले सिक्वेंस में साधारण मॉडल्स ने कैटवॉक किया। उसके बाद दूसरे सीक्वेंस में दिव्यांगों ने संस्था के सदस्यों के साथ कैटवॉक कर फैशन शो को नयी उचाइयां दी। करीब 15 दिव्यांग कैटवॉक करते हुए मंच पर उतरे तो सभी ने उनको खूब सराहा । मधु नगर से आए रजत गोयल को वीलचेयर से गायन की प्रस्तुति दी तो सभी की आँखों आ गए।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि समाज में दिव्यांग व्यक्तियों को कमजोर न समझा जाए। आज के समय में मानसिक विकलांगता ज्यादा है। महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की इच्छा थी की विश्वविद्यालय में किन्नर बच्चे पढ़े और आज दस बच्चे पढ़ भी रहे है। साथ ही उन्होने कहा की जल्द ही विश्विधालय का सामुदायिक रेडियो किन्नर समाज और दिव्यांगजन को स्किल डेवलपमेंट कोर्स के तहत निशुल्क रेडियो प्रोग्रामिंग और प्रोडक्शन का सर्टिफिकेट कोर्स भी कराइगा. और जल्द ही और नये कोर्स भी इनके लिए तैयार कर शुरू किये जा रहे हैँ जिन्हे विश्विधालय परिसर में ही पढ़ाया जायेगा.
महामंडलेश्वर मयूरी, संजना और पार्वती नंदगीरी ने सयुक्त रूप से कहा कि किसी भी व्यक्ति की दिव्यांगता उनकी कमजोरी का कारण न बने। ऐसा समाज का प्रयास होना चाहिए। आज किन्नर समाज के लोग भी बुलंदिया छू रहे है। रिवाज़ संस्था की अध्यक्षा मधु सक्सेना ने बताया कि साहस और आत्मविश्वास से परिपूर्ण दिव्यांगों ने साधारण लोगों के साथ एक मंच पर उतर कर साबित कर दिया कि वो भी किसी से कम नहीं है। दिव्यांगों को आजीविका के अवसर दिलाने के लिए रिवाज पिछले नौ वर्षो से निरंतर कार्य कर रही है। मंच संचालन अशिका सक्सेना ने किया। धन्यवाद धर्मेंद्र सैनी ने दिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रेडियो इंजीनियर तरुण श्रीवास्तव, शकुन बंसल, अखिल मोहन मितल, राहुल बंसल, रीना जाफरी, निमिषा गोखानी, प्रो अर्चना सिंह, निशा सिंघल, पूजा बंसल, अलका अग्रवाल, रिचा गर्ग, महेश सारस्वत, निर्मला आदि रहे।
इन्हे मिला दिव्यांग अनमोल रत्न
रिवाज दिव्यांग अनमोल रत्न से विशाल रायजादा, सुबेदार लीलाराम, गौरव सैनानी, रजत गोयल, भूमि गोयल, ललिता मनसिया, आमिर सिद्दकी, मनोज वर्मा, कहकशा खान, पियूष शर्मा, नजमा, चंदन, मुस्कान
इन्हे मिला कर्मयोगी सम्मान
डॉ. जॉली गोयल, कोमिला सुनेजाधर, वंदना सिंह, एड. नमृता मिश्रा, भरत शर्मा, डॉ. राहुल उपाध्याय, डॉ. जोगिंदर सिंह इंदोलिया, जीनत जिशान, तौश्मा पॉल, इंद्रेश कुमार, टोनी फास्टर, श्रुति सिंहा.