Death of restaurant owner, two employees were also found unconscious.
Agra News: Vendor back bag full with jewelry and cash to a teacher…#agranews
आगरालीक्स…ये हैं आगरा के घनश्याम, इनकी ईमानदारी की मिसाल आप हर किसी को देना चाहेंगे. क्योंकि इन्होंने काम ही ऐसा किया है…
घनश्याम हेमलानी, आगरा के एक किराये के मकान में रहते हैं. घर—घर पापड़ बेचने का काम करते हैं. पैर में फ्रैक्चर है और सहारा लेकर चलते हैं. लेकिन इनकी ईमानदारी की मिसाल जब आप जानेंगे तो वो आपको इनका कायल बना देगी. किसी के हजार या दो हजार रुपये भी मिल जाएं तो कई लोगों की नीयत डोल जाती है, लेकिन घनश्याम हेमलानी को दो तीन हजार नहीं बल्कि पूरे पांच लाख के सोने के गहने सड़क पर पर्स के अंदर पड़े मिले. पर्स में दो सोने की चूड़ियां, एक चेन, दो अंगूठी और दो कुंडल के साथ 1600 रुपये भी थे.
घनश्याम कहते हैं कि 2 जुलाई की रात को वह हनुमान मंदिर गए थे. केदारनगर तिराहे पर उन्हें यह पर्स मिला. पर्स के अंदर एक पर्ची भी थी जिसमें लिखा था कि बेटी हमेशा खुश रहना. घनश्याम ने पर्स उठाया और स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी दी. बाद में केदार नगर पुलिस चौकी में भी सूचना दी. इसके अलावा सोशल मीडिया में भी पर्स के बारे में जानकारी डाल दी.
बुधवार की शाम को केदार नगर की रहने वाली मौनी पर्स ढूंढते हुए तिराहे पर आईं और एक पान की दुकान वाले से पूछताछ करने लगी. पान वाले ने उन्हें घनश्याम हेमलानी का नबंर दे दिया और कहा कि पर्स तुम्हारा सुरक्षित है और तुम्हें मिल जाएगा. इस पर मौनी ने घनश्याम को फोन किया और पर्स में मौजूद सभी चीजों की सही सही जानकारी दे दी. मौनी ने पर्स में रखी पर्ची और उसपे लिखी बात भी बताई. मौनी ने बताया कि वह सिम्पकिंस स्कूल में टीचर है. पिता नहीं है और मां उमा देवी ने अपने आशीर्वाद के रूप् में एक बार यह पर्ची लिखकर दी थी जिस पर लिखा था बेटी हमेशा खुश रहना. इस पर्ची को वह हमेशा अपने पास रखती है. मौनी ने बताया कि वह वृन्दावन में खरीदे प्लाट की रजिस्ट्री के लिए वह अपने जीवन की कमाई को किसी सुनार के यहां गिरवी रखने जा रही थी, जो गलती से केदार नगर तिराहे पर गिर गए. शायद पर्ची पर लिखा मां आर्शीवाद था, जिसके कारण उन्हें जीवन की पूंजी वापस मिल गई.
आज सत्तो लाला फूड कोर्ट, कोठी मीना बाजार पर आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया के समक्ष पर्स की मालिक मौनी (संतोष) को यह पर्स सौंपा गया. घनश्याम हेमलानी ने उन्हें उनका पर्स वापस किया तो मौनी ने भी बतौर उपहार स्वरूप 11 हजार रुपए का लिफाफा उन्हें दिया. ईश्वर से हमेशा उन्हें व उनके परिवार को खुश रखने की कामना की. इस अवसर पर मौजूद सुनील करमचंदानी ने बताया कि पांच माह पूर्व पैर में फ्रैक्चर होने से घनश्याम अभी सहारा लेकर चलते हैं. फिलहाल घनश्याम समाज की मदद से अपना जीवन गुजर कर रहे हैं. इस अवसर पर दिलीप खंडेलवाल, सुनील करमचंदानी, घनश्याम की पत्नी राधा, मोहित आदि मोजूद थे.