Agra News Video : 65 glorious years of Malhotra Nursing Home & Maternity, Agra
आगरालीक्स..(Agra Medical Hub )आगरा में आपको 65 साल पहले, यानी 1957 में लेकर चलते हैं, उस समय का है मल्होत्रा नर्सिंग होम एंड मैटरनिटी, नाई की मंडी एमजी रोड। चौथी पीढ़ी नई तकनीकी लेकर आई है, फीमेल फ्रेंडली हॉस्पिटल है पहचान।
आगरा के नाई की मंडी स्थित मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम का शानदार इतिहास है। यह अस्पताल पिछले 65 वर्षों से अनवरत अपनी सेवाएं देता आ रहा है। इसकी प्रसिद्धि आगरा और आस-पास के क्षेत्र में अकेले फीमेल फ्रेंडली अस्पताल के रूप में भी है। अस्पताल के निदेशक डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि कैसे उनके दादा-दादी, माता-पिता ने इस बुनियाद को खड़ा किया। नई पीढ़ी कैसे बदलाव लाई और आखिर क्यों यह क्वालिटी मैटरनिटी केयर का सबसे भरोसेमंद केंद्र है।
बात गायनेकोलाॅजी की हो और डाॅ. मल्होत्रा दंपति का नाम न आए यह तो असंभव है। उत्तर प्रदेश में पहले निजी नर्सिंग होम की शुरूआत का श्रेय भी डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा के दादा जी राय बहादुर डाॅ. एसएन मल्होत्रा को जाता है। पिता जी और मां डाॅ राजेंद्र मोहन मल्होत्रा और डाॅ. प्रभा मल्होत्रा के बाद डाॅ. नरेंद्र और डाॅ. जयदीप ने न सिर्फ उनकी विरासत को आगे बढ़ाया बल्कि अपने बच्चों डाॅ. नीहारिका और डाॅ. केशव मल्होत्रा को भी वही गुण दिए जो खुद में थे। डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा और डाॅ. जयदीप मल्होत्रा न सिर्फ देश के शीर्ष 10 स्त्री रोग विशेषज्ञों में शुमार हैं बल्कि पहले दंपति हैं जो फेडरेशन आॅफ आॅब्सटेट्रिकल सोसायटी आॅफ इंडिया (फाॅग्सी) के अध्यक्ष रहे हैं और जिन्हें यूके के राॅयल काॅलेज की मानद उपाधि से सुशोभित किया जा चुका है।
अपनी उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाते-बनाते वे दुनिया के कोने-कोन में घूमे, जहां भी गए ज्ञान अर्जित किया। वहीं उनके बच्चों ने आधुनिक चिकित्सा और तकनीक को भी साथ में जोड़ा। एक और एक ग्यारह की कहावत को चरितार्थ करते हुए पुरानी पीढ़ी से अनुभव मिला तो नई पीढ़ी बदलाव लाती गई। डाॅ. नरेंद्र बताते हैं कि 1957 में मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम की शुरूआत हुई, जिसे डिलीवरी और स्त्री रोगों के निदान के लिए जाना जाता था। यही पहचान आज भी कायम है। तकरीबन 25 साल पहले इस संस्थान ने पूरे प्रदेश और देश का ध्यान खींचा जब मैटरनिटी होम के साथ इसे टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर भी बनाया गया। डाॅ. जयदीप और डाॅ. नरेंद्र के प्रयासों से यहां प्रदेश के पहले आईवीएफ शिशु का जन्म कराया गया, जिसका नाम उत्सव रखा गया। इस खबर के सामने आने के बाद प्रदेश भर से लोग डाॅ. मल्होत्रा दंपति से संपर्क साधने लगे। ये ऐसे लोग थे जिनके जीवन में निसंतानता की निराशा थी और आईवीएफ के लिए इच्छा जाहिर करने लगे।
डाॅ. नरेंद्र ने कहा कि अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं हर व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकता में से एक है। मौजूदा समय में श्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ती जा रही है। जो भी लोग इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं वे जानते हैं कि हम चार पीढ़ियों से यही काम करते आ रहे हैं। हम इसमें बेहतर हैं, शायद और भी ज्यादा। उनकी धर्मपत्नी डाॅ. जयदीप मानती हैं कि एक गर्भवती को जो देखभाल मिलनी चाहिए वह गुणवत्तापूर्ण और गरिमापूर्ण होनी चाहिए। हम अपने स्टाफ को भी इस तरह प्रशिक्षित करते हैं। स्त्री रोगों में हमारा अनुभव बहुत व्यापक है। बीमारी होने पर इलाज करना ही नहीं बल्कि बीमारी को होने से रोकना भी हमारे लक्ष्यों में से एक है।