Varanasi court orders sealing of area after petitioner claims Shivling’
Akshaya Tritiya on May 3 Special: Early marriage, auspicious ways to get good luck
आगरालीक्स…अक्षय तृतीया तीन मई को है। शीघ्र विवाह, सौभाग्य प्राप्ति के शुभ उपाय, राशि अनुसार कैसे करें खऱीदारी समेत विविध जानकारियां।
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा आगरालीक्स से बातचीत में बताते हैं कि वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षयतृतीया कहते हैं। यह सनातन धर्मियों का प्रधान त्यौहार है,।इस दिन दिये हुए दान और किये हुए स्त्रान, होम, जप आदि सभी कर्मोंका फल अनन्त होता है। सभी अक्षय (जिसका क्षय या नाश ना हो) हो जाते हैं; इसी से इसका नाम अक्षय हुआ है।
🌹 अक्षय तृतीया अभिजीत मुहुर्त
🌟 स्वयंसिद्ध साढे तीन मुहूर्त के रुप में अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व है। यह दिन सौभाग्य और संपन्नता का सूचक होता है। दशहरा, धनतेरस, देवउठान एकादशी की तरह अक्षय तृतीया को अभिजीत, अबूझ मुहुर्त या सर्वसिद्धि मुहूर्त भी कहा जाता है. क्योंकि इस दिन किसी भी शुभ कार्य करने हेतु पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती. अर्थात इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए आपको मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती।
अक्षयतृतीया पर राशि अनुसार करें खरीदारी
🌺 मेष सोना, पीतल।
🌺 वृष चांदी, स्टील।
🌺 मिथुन सोना, चांदी , पीतल।
🌺 कर्क चांदी, वस्त्र।
🌺 सिंह सोना, तांबा।
🌺 कन्या सोना, चांदी, पीतल।
🌺 तुला चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर।
🌺 वृश्चिक सोना, पीतल।
🌺 धनु सोना, पीतल, फ्रिज, वाटर कूलर।
🌺 मकर सोना, पीतल, चांदी, स्टील।
🌺 कुंभ सोना, चांदी, पीतल, स्टील, वाहन।
🌺 मीन सोना, पीतल, पूजन सामग्री व बर्तन।
ग्रहों से सम्बंधित दान:
🌷 सूर्य- लाल चंदन, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, स्वर्ण, माणिक्य, घी व केसर का दान सूर्योदय के समय करना लाभप्रद होता है।
🌷 चंद्रमा- चांदी, चावल, सफेद चंदन, मोती, शंख, कर्पूर, दही, मिश्री आदि का दान संध्या के समय में फलदायी
🌷 मंगल- स्वर्ण, गुड़, घी, लाल वस्त्र, कस्तूरी, केसर, मसूर की दाल, मूंगा, ताम्बे के बर्तन आदि का दान सूर्यास्त से पौन घंटे पूर्व करना चाहिए।
🌷 बुध- कांसे का पात्र, मूंग, फल, पन्ना, स्वर्ण आदि का दान अपराह्न में करें।
🌷 गुरु- चने की दाल, धार्मिक पुस्तकें, पुखराज, पीला वस्त्र, हल्दी, केसर, पीले फल आदि का दान संन्ध्या के समय करना चाहिए।
🌷 शुक्र चांदी, चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन आदि का दान सूर्योदय के समय करना चाहिए।
🌷 शनि- लोहा, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते व नीलम का दान दोपहर के समय करें।
🌷 राहु- तिल, सरसों, सप्तधान्य, लोहे का चाकू व छलनी व छाजला, सीसा, कम्बल, नीला वस्त्र, गोमेद आदि का दान रात्रि समय करना चाहिए।
🌷 केतु- लोहा, तिल, सप्तधान, तेल, दो रंगे या चितकबरे कम्बल या अन्य वस्त्र, शस्त्र, लहसुनिया व बहुमूल्य धातुओं में स्वर्ण का दान निशा काल में करना चाहिए।
शादी में हो रही बाधा दूर करने के उपाय
🍁 इस उपाय को अक्षय तृतीया के दिन किया जाता है। इस दिन अक्षय मुहूर्त माना गया है। यह शुभ मुहूर्त है। यह उपाय रात के समय में किया जाता है।
🍁 आप को एक चौकी या पटिए पर पीला कपड़ा बिछाना चाहिए और पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठ जाएं।
🍁 पूजा स्थल पर मां पार्वती का चित्र रख लें।
🍁 चौकी पर एक मुट्ठी गेहूं रख दें।
🌻 गेहूं की ढेरी पर विवाह बाधा निवारण विग्रह (यंत्र) स्थापित करने के बाद चंदन अथवा केसर से तिलक लगा दें। यह पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बाद हल्दी की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
युवतियों के लिए यह मंत्र
ऊं गं घ्रौ गं शीघ्र विवाह सिद्धये गौर्यै फट्।
युवक करें इस मंत्र का जाप
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम।
तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम।।
इस मंत्र की तीन-तीन माला 7 दिनों तक नियमित जपना चाहिए। अंतिम दिवस को इस सामग्री को मंदिर में ले जाकर देवी पार्वती के चरणों में समर्पित कर दें। इसे श्रद्धा और विश्वास से करने पर शीघ्र ही विवाह हो जाएगा। यह सिद्ध प्रयोग है, इसलिए मन में कोई संदेह न रखें। नहीं तो यह प्रभावशाली नहीं रहेगा।
अन्य सौभाग्य वर्धक उपाय
💥 आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया से प्रारंभ करते हुए माता लक्ष्मी के मंदिर में प्रत्येक शुक्रवार धूपबत्ती व गुलाब की अगरबत्ती दान करने से जीवन में अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
💥 धनधान्य की वृद्धि के लिए अक्षय तृतीया को एक मुट्ठी बासमती चावल सर से 11 बार ऊसर कर बहते हुए जल में श्री महालक्ष्मी का ध्यान करते हुए व श्री मंत्र का जप करते हुए जल प्रवाह कर दें।
💥 ऋण से मुक्ति के लिए अक्षय तृतीया पर कनकधारा यंत्र की लाल वस्त्र पर पूजा घर में स्थापना करें। पंचोपचार से पूजा करें। 51 दिन तक श्रद्धा से यंत्र का पाठ करें। धीरे-धीरे ऋण कैसे उतर गया, यह पता भी न चलेगा।
💥 स्फटिक के श्रीयंत्र को पंचोपचार पूजन द्वारा विधिवत स्थापित करें। माता लक्ष्मी का ध्यान करें, श्रीसूक्त का पाठ करें।
💥 जितना संभव हो सके, मंत्र ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नयै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् का कमलगट्टे की माला से नियमित जप करें। नियमित रूप से एक गुलाब अर्पित करते रहें।
-इस प्रकार पूजा करके ऐसे श्रीयंत्र को आप इस दिन व्यावसायिक स्थल पर भी स्थापित कर सकते हैं। माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
💥 अक्षय तृतीया का व्रत रखकर और गर्मी में निम्न वस्तुओं जैसे- छाता, दही, जूता-चप्पल, जल का घड़ा, सत्तू, खरबूजा, तरबूज, बेल का सरबत, मीठा जल, हाथ वाले पंखे, टोपी, सुराही आदि वस्तुओं का दान करने से भाग्योन्नति में बाधा पहुचाने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
💥 अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखने से देवी लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां भी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।