अलीगढ़ के थाना सिविल लाईन्स मे दी गई अपनी तहरीर मे डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस इन्सपेक्टर जनरल एस॰एम॰ मुशरिफ ने कलकत्ता मे दिए गए अपने ब्यान में इल्जाम लगाया कि आर॰एस॰एस॰ पर ‘‘आतंकवादी संगठन’’ है। डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा कि ऐसे इल्ज़ाम लगाने से देश मे मुसलमानों के प्रति द्वोष भावना उत्पन्न हो सकती है तथा अलीगढ़ जैसे संवेदनशील जनपद मे साम्प्रदायिक सदभाव के माहौल पर विपरीत असर पढ़ सकता है। डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा कि एस॰एम॰ मुशरिफ के ब्यान से अलीगढ़ और देश में साम्प्रदायिक सद्भावना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और शान्ति व्यवस्था भंग हो सकती है।
डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि एस॰एम॰ मुशरिफ ने 26.11.2008 मे मुम्बई मे घटित आतंकवादी हमले मे एस॰टी॰एफ॰ प्रमुख हेमन्त करकरे की हत्या मे इन्टैलिजन्स ब्यूरो (आई॰बी॰) का हाथ होने का भी आरोप लगाया है। डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा है कि आई॰बी॰ के ऊपर हेमन्त करकरे की हत्या का अपरोक्ष रूप आरोप लगाकर एस॰एम॰ मुशरिफ ने आई॰बी॰ और अन्य सुरक्षा ऐजेन्सियों का मनोबल गिराने की कोशिश की है। उन्होेंने कहा कि एस॰एम॰ मुशरिफ ने 2007 में मक्का मस्जिद (हैदराबाद) बम ब्लाॅस्ट, मालेगावं (महाराष्ट्र) में 2006 और 2008 के बम ब्लास्ट तथा 2007 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के आर॰एस॰एस॰ द्वारा किया गया बताया है जबकि उपरोक्त केस न्यायलय मे विचाराधीन है।
डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने थाना सिविल लाईन्स (अलीगढ़) से प्रार्थना की है कि महराष्ट्र के पूर्व इन्सपेक्टर जनरल एस॰एम॰ मुशरिफ के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत करके उनके विरूद्ध कानून सम्मत कार्यवाही की जाए ताकि नगर एवं देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
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