An attempt to give 15 thousand help in the accident in the bogie of Nilanchal Express, the relatives got angry
अलीगढ़लीक्स… नीलांचल एक्सप्रेस की बोगी में हुए हादसे के बाद रेलवे का मदद के रूप में 15 हजार देने का प्रयास। पोस्टमार्टम में देरी से रहा आक्रोश।
हरिकेश के पिता और भाई रात तक आए

नीलांचल एक्सप्रेस में शुक्रवार को हुए हादसे के बाद सामने बैठे यात्रियों की हालत इस प्रकार थी। यात्रियों के पीछे सामने घुसी सरिया का प्रतिबिंब भी दिखाई दे रहा है।
अलीगढ़ के सोमना और डाबर रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर प़ड़ी रॉड (सब्बल) के चलती ट्रेन में यात्री हरिकेश दुबे के गले से आरपार हो गई। हादसे की जानकारी मिलने पर हरिकेश के पिता, भाई सहित कुछ परिजन यहां आए गए थे।
रात में पोस्टमार्टम की गुहार पर सुनवाई नहीं
इससे पहले हरिकेश के पिता संतराम दुबे और उसका भाई राकेश दुबे यहां आए ओर शव का ही रात में पोस्टमार्टम कराने की रेलवे और प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
रेलवे ने की 15 हजार रुपये देने की कोशिश
सुबह शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव को एंबुलेंस में लेकर स्टेशन पर पहुंचे तो यहां रेलवे अधिकारियों ने हरिकेश की मौत पर आर्थिक मदद के रूप में 15 हजार रुपये देने और कागज पर लिखने को कहा, जिससे वह भड़क गए और रुपये लेने से इंकार कर दिया। बाद में रेलवे अधिकारियों ने समझाबुझाकर उन्हें रवाना किया।
बहन की शादी में शामिल होने जा रहा था
उल्लेखनीय है कि हरिकेश दुबे अपनी चचेरी बहन की शादी में भाग लेने के लिए नीलांचल एक्सप्रेस जा रहा था, तभी उसके साथ यह हादसा हुआ। वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, उसके दो छोटे बच्चे हैं।
बोगी की यात्रियों की हालत खराब
नीलांचल एक्सप्रेस की बोगी में हरिकेश बैठा था, वहीं बगल में बैठी महिला बाल-बाल बच गई। सामने की सीट पर बैठे यात्री हादसे के बाद जड्वत हो गए। एक यात्री बेहोश होने के साथ चीख-पुकार मच गई थी.